हो चुका स्वर्गवास.. अब लीजिए लोहिया आवास
मरने के बाद भी मृत्युलोक में रहने के लिए आवास की जरूरत पड़ती है, ऐसा कोई उल्लेख किसी धर्मशास्त्र में नहीं मिलता। लेकिन, अलीगढ़ में परलोक सिधार गए लोगों के लिए भी लोहिया आवास तय कर दिए गए। 'घोटाले' को जिला स्तरीय समिति ने भी हरी झंडी दिखा दी। पर, एक बीडीओ का माथा ठनक गया। जांच में 56 अपात्र पकड
अलीगढ़, [रमाकान्त चतुर्वेदी]। मरने के बाद भी मृत्युलोक में रहने के लिए आवास की जरूरत पड़ती है, ऐसा कोई उल्लेख किसी धर्मशास्त्र में नहीं मिलता। लेकिन, अलीगढ़ में परलोक सिधार गए लोगों के लिए भी लोहिया आवास तय कर दिए गए। 'घोटाले' को जिला स्तरीय समिति ने भी हरी झंडी दिखा दी। पर, एक बीडीओ का माथा ठनक गया। जांच में 56 अपात्र पकड़ में आ गए। मुर्दे भी! हैरानी की बात यह भी कि अफसरों को जिस बीडीओ की पीठ थपथपानी थी, उनकी ही छुट्टी कर दी।
एक गांव में
यह खेल हुआ है, जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी दूर बिजौली ब्लाक का गांव सांकरा व उसके माजरे हारनपुर खुर्द, नगला सड़क व नगला बाग में। 7000 आबादी वाले गांव का चयन डॉ. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना में इसी साल हुआ है। पात्रों को मकान के लिए दो किस्तों में 2.75 लाख रुपये मिलेंगे।
यह हुआ खेल
चयन की प्रक्रिया शुरू हुई तो सत्ता के कुछ रसूखदारों की एंट्री हो गई। सूत्रों की मानें तो पात्रों से 50 हजार व अपात्रों से सवा लाख रुपये वसूलने की पटकथा लिख मारी। यहां 207 पात्रों के नाम जिला मुख्यालय भेजे गए। जिला स्तरीय समिति ने सत्यापन के बाद सभी को पात्र मान लिया।
फूट गया भांडा
खुलासा हुआ, अफसरों का बड़े पैमाने पर तबादले के बाद। नए अफसरों ने एक गांव में पात्रों की भरमार देखकर दोबारा सत्यापन शुरू कराया। दो माह पूर्व ही बीडीओ बिजौली बने एसपी वर्मा को गांव के 207 में से 56 लाभार्थी अपात्र मिले। सबूत देखिये। हारनपुर की भगवान देवी परलोक सिधार चुकी हैं, सूची में उनका नाम (क्रम संख्या-227) है। सांकरा के मौजीराम भी क्रम संख्या-239 पर दर्ज है। एक ही परिवार के कई सदस्य भी सूची में हैं तो कई धनवान भी।
मृतक भी पात्र
बिजौली बीडीओ ने गोलमाल की सूचना आला-अफसरों को दी तो सूत्रधारों में भी खलबली मची। दोषियों पर कार्रवाई होती, उसके पहले रसूखदारों की 'टोली' जिले के एक आला अफसर की ड्यौढ़ी पर पहुंच गई। इसमें कुछ 'माननीय' भी थे। एसपी वर्मा को बिजौली से टप्पल 'फेंक' दिया गया। तुलाराम सुमन को यहां का चार्ज दे दिया गया।
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एक गांव में लाभार्थियों की संख्या अधिक होने के कारण पात्रों की सूची संदिग्ध लगी थी। इसकी जिला स्तरीय तीन सदस्यीय समिति से दोबारा जांच करा रहे हैं। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।
-रामनरेश, परियोजना निदेशक, डीआरडीए।
पूरा प्रकरण संज्ञान में है। सीडीओ को उच्चस्तरीय कमेटी से जांच कराने के निर्देश दे दिए हैं। रिपोर्ट के बाद दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।
-अभिषेक प्रकाश डीएम।