बच्ची से दुष्कर्म और हत्या में अधेड़ की मौत की सजा बरकरार
चार साल की एक बच्ची से दुष्कर्म और बाद पत्थर से मारकर उसकी हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए एक अधेड़ की मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत ने इसे दुर्लभतम मामले की श्रेणी में रखते हुए अपराधी को समाज के लिए एक
नई दिल्ली। चार साल की एक बच्ची से दुष्कर्म और बाद पत्थर से मारकर उसकी हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए एक अधेड़ की मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत ने इसे दुर्लभतम मामले की श्रेणी में रखते हुए अपराधी को समाज के लिए एक खतरा करार दिया।
दुष्कर्म और हत्या का यह मामला 2008 का है। नागपुर के रहने वाले वसंत संपत दुपारे (53) को निचली अदालत ने इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसे बांबे हाई कोर्ट ने बरकरार रखा।
बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, "चार साल की बच्ची से पहले दुष्कर्म और बाद में पत्थर मारकर उसकी हत्या समाज की आत्मा के लिए बर्बर अपराध है। इस तरह का जघन्य अपराध समाज को झकझोरने जैसा है।"
वसंत ने अपने पड़ोस में रहने वाली बच्ची को लालच देकर बुलाया और उससे दुष्कर्म करने के बाद और पत्थर से मारकर उसकी हत्या कर दी थी।
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