राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का केस अब संविधान पीठ के हवाले
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक पीठ को सौंप दिया है। अपने आदेश में मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि यह एक अलग तरह का मामला है जिसमें राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही सही होने का दावा कर रही हैं। वहीं, सीआरपीसी की धारा 432 में यह व्यवस्था है कि सही दावा रखने वाली सरकार के पास रिहाई का अधिकार है।
नई दिल्ली। राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक पीठ को सौंप दिया है। अपने आदेश में मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि यह एक अलग तरह का मामला है जिसमें राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही सही होने का दावा कर रही हैं। वहीं, सीआरपीसी की धारा 432 में यह व्यवस्था है कि सही दावा रखने वाली सरकार के पास रिहाई का अधिकार है।
गौरतलब है कि राजीव गांधी हत्याकांड के तीनों दोषियों की रिहाई पर आज फैसला होना था। जिस पर मुख्य न्यायधीश पी सतशिवम की अध्यक्षता वाली बैंच को तमिलनाडु सरकार के फैसले की वैधता पर निर्णय लेना था।
सुप्रीम कोर्ट ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मुख्य दोषी सान्थन, मुरुगन और पेराविलन की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। जिसके बाद तमिलनाडु की जयललिता सरकार ने तीनों दोषियों को माफी देते हुए रिहा करने का ऐलान किया था। जिसपर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर तमिलनाडु सरकार के फैसले का विरोध किया था।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए कहा था कि हत्यारों की फांसी की सजा घटाकर उम्रकैद करने का फैसला सही नहीं है। तीनों जघन्य अपराध के दोषी हैं और दया याचिका निपटाने में देरी के आधार पर उनकी फांसी उम्रकैद में नहीं बदली जा सकती। सरकार का यह भी कहना था कि मामला संविधान की व्याख्या से जुड़ा हुआ है इसलिए इस पर पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ को सुनवाई करनी चाहिए। केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करने का भी अनुरोध किया था। जिस पर मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में गठित बेंच ने 20 फरवरी को यह कहते हुए रोक लगा दिया था कि मामले की सुनवाई में कुछ कमियां रह गई थी, उस पर सुनवाई की जाएगी। जिसके लिए कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा रखी थी।
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