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सुब्रत राय की अर्जी पर फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट ने हिरासत को गैरकानूनी बताने वाली सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की याचिका पर दोनों पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसके अलावा कोर्ट ने सुब्रत राय व सहारा के दो अन्य निदेशकों की रिहाई के लिए रखी गई 10,000 करोड़ रुपये देने की शर्त में बदलाव मांगने वाली सहारा की अर्जी पर भी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सहारा ने इस अर्जी के साथ पैसा देने के बारे में सुब्रत राय और दो अन्य निदेशकों की निजी अंडरटेकिंग पेश करके कोर्ट से तत्काल रिहाई की गुहार लगाई थी।

By Edited By: Published: Mon, 21 Apr 2014 05:09 PM (IST)Updated: Mon, 21 Apr 2014 09:35 PM (IST)
सुब्रत राय की अर्जी पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीम कोर्ट ने हिरासत को गैरकानूनी बताने वाली सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की याचिका पर दोनों पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसके अलावा कोर्ट ने सुब्रत राय व सहारा के दो अन्य निदेशकों की रिहाई के लिए रखी गई 10,000 करोड़ रुपये देने की शर्त में बदलाव मांगने वाली सहारा की अर्जी पर भी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सहारा ने इस अर्जी के साथ पैसा देने के बारे में सुब्रत राय और दो अन्य निदेशकों की निजी अंडरटेकिंग पेश करके कोर्ट से तत्काल रिहाई की गुहार लगाई थी।

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यह मामला निवेशकों से वसूले गए 24 हजार करोड़ रुपये नहीं लौटाने का है। सुप्रीम कोर्ट ने यह रकम वापस करने का फैसला अगस्त, 2012 में सुनाया था। समूह की ओर से आदेश का पालन नहीं करने पर सुब्रत राय और दो अन्य निदेशकों को शीर्ष अदालत ने चार मार्च को जेल भेज दिया था।

इस मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस केएस राधाकृष्णन व जेएस खेहर की पीठ ने रिहाई की शर्तो में बदलाव की अर्जी और प्रस्ताव पर सोमवार को तत्काल कोई आदेश नहीं दिया। पीठ ने कहा कि वे प्रस्ताव पर विचार करेंगे। इससे पहले सहारा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन गणेशन व राजीव धवन ने सुब्रत और दो अन्य निदेशकों की पैसा देने की निजी अंडर टेकिंग पेश की। इसके बाद उन्होंने कहा कि सहारा अपनी तरफ से रिहाई की खातिर 10,000 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए सबसे बेहतर प्रस्ताव लेकर आया है। अगर प्रस्ताव में दी गई तारीख के मुताबिक भुगतान न किया जाए तो कोर्ट उनके खिलाफ आदेश पारित कर सकता है।

सुब्रत राय के वकीलों ने सोमवार को ही प्रस्ताव स्वीकार कर कोर्ट से रिहाई आदेश जारी करने का अनुरोध किया। इससे पहले सुब्रत राय की हिरासत को गैर कानूनी बताने वाली याचिका पर बहस करते हुए सहारा के वकील ने कहा कि समूह ने निवेशकों को नगद भुगतान किया है। इसके बारे में उसने बैलेंस शीट भी पेश की है। लेकिन बाजार नियामक ने उसके भुगतान के वाउचरों की जांच नहीं की है। सेबी के वकील निवेशकों को नगद पैसा लौटाने की सहारा की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि सुब्रत राय की याचिका स्वीकार किए जाने लायक नहीं है। सुब्रत राय और दो निदेशकों को हिरासत में भेजने का कोर्ट का आदेश कानूनी है।

क्या है नया प्रस्ताव

नए प्रस्ताव में सहारा ने कहा है कि वह 3,000 करोड़ रुपये नगद 25 अप्रैल तक या उससे पहले दे देगा। बाकी के 2,000 करोड़ नगद का भुगतान 30 मई या उससे पहले कर दिया जाएगा। पांच हजार करोड़ की बैंक गारंटी पूंजी बाजार नियामक सेबी को 20 जून तक या उससे पहले सौंप दी जाएगी। इस रकम का इंतजाम करने के लिए कोर्ट को उसके खाते के संचालन व संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर लगी रोक हटानी होगी। सहारा ने उन संपत्तियों की सूची भी दी है, जिन्हें बेचने की अनुमति मांगी गई है। इसके साथ ही कहा है कि कोर्ट सिर्फ सरकारी बैंक की ही गारंटी देने की शर्त हटा ले। सहारा समूह को अनुसूचित वाणिज्यक बैंक की बैंक गारंटी देने की अनुमति दे दी जाए।

पढ़ें: सहारा ने किया खाते से रोक हटाने का अनुरोध

पढ़ें: सुब्रत राय की रिहाई के लिए सहारा का नया प्रस्ताव


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