सबरीमाला मंदिर विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई 6 हफ्ते के लिए टाली
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। मन्दिर में 10 से 50 साल की महिलाओं को दाखिल होने की इजाज़त नहीं है। इसके खिलाफ यंग लॉयर्स एसोसिएशन नाम की एक संस्था ने याचिका दाखिल की है।
दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मसले पर आज हुई सुनवाई 6 हफ्त के लिए टाल दी गई। मंदिर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में सभी दस्तावेज और फाइलों को लाने के लिए 6 हफ्ते का समय मांगा था जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। दरअसल मन्दिर में 10 से 50 साल की महिलाओं को दाखिल होने की इजाज़त नहीं है। इसके खिलाफ यंग लॉयर्स एसोसिएशन नाम की एक संस्था ने याचिका दाखिल की है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश का अधिकार मिलना चाहिए। शशि का यह विचार कांग्रेस नेतृत्व वाली केरल सरकार के फैसले के विपरीत है। जिसके मुताबिक धार्मिक मामलों में पुजारियों की राय अंतिम फैसला माना जाना चाहिए।
थरूर के बयान पर हंगामे के बाद उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी राय है. तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर ने कहा था कि 'सबरीमाला मंदिर सहित महिलाओं को सभी मंदिरों में प्रवेश का अधिकार दिया जाना चाहिए और इस मामले में किसी प्रकार का लैंगिक भेदभाव नहीं होना चाहिए।
गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में मासिक धर्म की उम्र वाली महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है. 'इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन' ने इस परंपरा को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।