याकूब मेमन की अर्जी पर अब कल आएगा SC का फैसला
मुंबई बम धमाकों में दोषी ठहराए गए याकूब मेनन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल भी जारी रहेगी। अब उसकी याचिका पर फैसला कल आएगा। अगर कोर्ट ने उसकी दलील स्वीकार कर ली तो उसे फौरी राहत मिल जाएगी। याकूब की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। मुंबई बम धमाकों में दोषी ठहराए गए याकूब मेनन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल भी जारी रहेगी। अब उसकी याचिका पर फैसला कल आएगा। अगर कोर्ट ने उसकी दलील स्वीकार कर ली तो उसे फौरी राहत मिल जाएगी। याकूब की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की बेंच बनाई है। तीन सदस्यीय पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय भी शामिल हैं। याकूब ने अपनी याचिका में कहा है कि उसे फांसी नहीं दी जा सकती क्योंकि टाडा कोर्ट का डेथ वारंट गैरकानूनी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को मेमन की क्यूरेटिव याचिका अस्वीकार कर दी थी। उसी दिन मेमन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के समक्ष एक दया याचिका दायर की थी, जिसमें उसने मांग की थी कि उसकी फांसी को उम्रकैद में बदल दिया जाए।
गौरतलब है कि 9 अप्रैल को पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद डेथ वारंट जारी किया गया जबकि क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में लंबित थी। ऐसे में क्यूरेटिव से पहले डेथ वारंट जारी करना गैर-कानूनी है, नियमों और कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसके लिए 27 मई 2015 के सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला दिया गया है।
इसके लिए शबनम जजमेंट का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया कि डेथ वारंट सारे कानूनी उपचार पूरे होने के बाद जारी होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने शबनम और उसके प्रेमी का डेथ वारंट को रद्द किया था। कोर्ट ने दोनों की फांसी को 15 मई को बरकरार रखा था और छह दिनों के भीतर 21 मई को डेथ वारंट जारी हुआ था। 27 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस डेथ वारंट को रद्द कर दिया था।
2010 में अपने परिवार के सात लोगों की हत्या में फांसी की सजायाफ्ता शबनम और सलीम पुनर्विचार, क्यूरेटिव और दया याचिका से पहले ही डेथ वारंट जारी कर दिया गया था।