राम सेतु मुद्दे पर सरकार को मिली और मोहलत
केंद्र सरकार ने राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने या न करने के मुद्दे पर फैसले के लिए हाईकोर्ट से और वक्त देने की माग की है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीम कोर्ट ने रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को दो सप्ताह का समय और दे दिया है। दूसरी ओर लोकसभा और राज्यसभा में भी गुरुवार को रामसेतु और सेतुसमुद्रम परियोजना का मामला उठा।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में पिछले चार वर्षों से लंबित सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका में रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की गई है। कोर्ट ने याचिका का जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को नोटिस भी दिया था। केंद्र सरकार ने रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने और इस बाबत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण [एएसआइ] से अध्ययन कराए जाने के बारे में अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। अब स्वामी ने एक नई अर्जी दाखिल कर मांग की है कि केंद्र सरकार को याचिका का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया जाए। इस अर्जी पर गत मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने पर अपना रुख स्पष्ट करे। सरकार जवाबी हलफनामा देना चाहती है या नहीं। अगर सरकार जवाबी हलफनामा नहीं दाखिल करना चाहती तो साफ बताए ताकि कोर्ट उसके बगैर ही याचिका पर सुनवाई शुरू करे।
केंद्र सरकार को गुरुवार तक जवाब देना था। लेकिन सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एचपी रावल ने जवाब देने के लिए कुछ और समय मांगा। पीठ ने उनका अनुरोध स्वीकार करते हुए सरकार को दो सप्ताह का समय और दे दिया। मामले पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।
दूसरी ओर गुरुवार को रामसेतु का मुद्दा संसद में भी छाया रहा। यह मामला लोकसभा और राज्यसभा दोनों में उठा। अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्यों ने सेतुसमुद्रम परियोजना को शीघ्र शुरू करने की मांग की जबकि भाजपा की मांग थी कि रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए।
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