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कालेधन के खिलाफ आवाज उठाने वाले आइएएस को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

उत्तर प्रदेश के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अधिकारी विजय शंकर पांडेय को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रही विभागीय जांच को निरस्त करने का आदेश दिया और यूपी सरकार पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार भ्रष्टाचार और काला धन के म

By Edited By: Published: Mon, 22 Sep 2014 04:02 PM (IST)Updated: Mon, 22 Sep 2014 04:04 PM (IST)
कालेधन के खिलाफ आवाज उठाने वाले आइएएस को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अधिकारी विजय शंकर पांडेय को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रही विभागीय जांच को निरस्त करने का आदेश दिया और यूपी सरकार पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार भ्रष्टाचार और काला धन के मुद्दे पर काम नहीं कर रही हो और कोई ईमानदार व्यक्ति इसे उठाता है, तो भले ही वो सरकारी सेवक क्यों न हो, उसका अधिकार कम नहीं हो जाता। कोर्ट ने कहा कि संविधान ने बुराई के खिलाफ लड़ने के लिए सभी को बराबर का अधिकार दिया है।

कोर्ट ने कहा कि पहली जांच में निर्दोष पाए जाने के बाद जिस तरह राज्य सरकार विभागीय जांच करा रही है, इससे लगता है कि वह यह संदेश देना चाहती है कि अगर आप बेईमानी के खिलाफ लड़ेंगे तो आपको इसी तरह परेशान किया जाएगा। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि यह पांच लाख रुपये विजय शंकर पांडेय को दिया जाएगा, जबकि राज्य सरकार को यह छूट दी कि वह चाहे तो यह रकम दोषी अफसरों से वसूल सकती है। गौरतलब है कि पांडेय ने कालेधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसके बाद यूपी सरकार ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी।

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