मेडिकल प्रवेश से जुड़ी याचिकाओं की रोकथाम के उपाय करेगा सुप्रीम कोर्ट
कॉलेजों को पिछले महीने केंद्र सरकार ने 2017-18 के लिए एमबीबीएस पाठ्यक्रम में छात्रों को प्रवेश की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र : सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले से संबंधित आखिरी समय में होने वाले मुकदमों में बढ़ोतरी पर संज्ञान लिया है। इनकी वजह से प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों और कॉलेजों में बेचैनी बढ़ जाती है। लिहाजा शीर्ष अदालत ने ऐसी स्थिति से बचने के लिए एहतियाती उपाय करने का फैसला किया है।
जस्टिस एसए बोब्दे और जस्टिस एलएन राव की पीठ ने मेडिकल कॉलेजों से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए कहा कि हर साल इसी तरह की याचिकाओं के दाखिल होने से छात्रों, मेडिकल संस्थानों और सभी संबंधित पक्षों पर दबाव और चिंता बढ़ जाती है।
पीठ ने कहा कि सभी पक्षों की ओर से पेश वकील इस बात पर सहमत हैं कि कॉलेजों और राज्य अधिकारियों के लिए कुछ ऐसे एहतियाती उपाय किए जाएं जिससे अंतिम समय में याचिकाएं दाखिल होने की नौबत ही न आए। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई दिसंबर तक के टाल दी।
शीर्ष अदालत निजी मेडिकल कॉलेजों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन कॉलेजों को पिछले महीने केंद्र सरकार ने 2017-18 के लिए एमबीबीएस पाठ्यक्रम में छात्रों को प्रवेश की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था।
सरकार के आदेश को केरल हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। अपने अंतरिम आदेश में हाई कोर्ट उन्हें अस्थायी अनुमति प्रदान कर दी थी। लेकिन, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने केरल हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे दी।
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