सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी की नागरिकता जांच की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता की जांच को लेकर दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह मांग की गई थी कि वह सीबीआई को राहुल गांधी की नागरिकता की जांच करने और मामला दायर करने
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता की जांच को लेकर दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह मांग की गई थी कि वह सीबीआई को राहुल गांधी की नागरिकता की जांच करने और मामला दायर करने का आदेश दे।
वकील एमएल शर्मा ने यह जनहित याचिका दायर की थी। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष ने एक कंपनी बनाने के संबंध में अधिकारियों के समक्ष स्वयं के एक ब्रितानी नागरिक होने का दावा किया था।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने आरोप में कहा था कि राहुल ने बैकप्स लिमिटेड कंपनी से जुडे़ दस्तावेजों में स्वयं को एक ब्रिटिश नागरिक घोषित किया है। हालांकि कांग्रेस ने उनके आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि गलत जानकारी किसी ने दे दी होगी, जिसे सही किया जा सकता है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, राहुल गांधी के ब्रिटेन स्थित कंपनी बैकप्स लिमिटेड ने अपने दस्तावेजों में अलग अलग तथ्य दिए थे। बैकप्स लिमिटेड के एक दस्तावेज में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक दिखाया गया है, जबकि उसी कंपनी के एक अन्य दस्तावेज में उनको भारतीय नागरिक दिखाया गया है। और एक तीसरे दस्तावेज में उनको पहले ब्रिटिश नागरिक दिखाया गया और बाद में उसे खुरचकर वहां पर हाथ से भारतीय नागरिक लिखा गया है।
स्क्रूटनी पेपर्स के अनुसार, राहुल गांधी ने 2002 में मुंबई में एक इंजीनियरिंग डिजाइन आउटसोर्सिंग कंपनी बैकप्स बनाई थी। और कुछ महीने बाद ही उन्होंने उससे संबंधित एक कंपनी ब्रिटेन में खोली। यह कंपनी बैकप्स लिमिटेड 21 सितंबर 2003 को यूके कंपनीज हाउस में पंजीकृत कराई गई। राहुल गांधी कंपनी के डायरेक्टर थे और अमेरिकी नागरिक उलरिक मैकनाइट दूसरे डायरेक्टर थे।
उसक कंपनी में राहुल गांधी के 65 शेयर थे और मैकनाइट के 35 शेयर थे। एक शेयर की कीमत एक पाउंड थी। यह जानकारी शेयर अलॉटमेंट रिकॉर्ड से प्राप्त हुई है, जिस पर राहुल गांधी के हस्ताक्षर हैं।
स्वामी के आरोप उन दो वार्षिक रिटर्न पर आधारित हैं, जिसमें राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया है। पहला रिटर्न 10 अक्टूबर 2005 और दूसरा 31 अक्टूबर 2006 का है। इन दोनों में ही राहुल को ब्रिटिश नागरिक बताया गया है।
पहले रिटर्न में राहुल गांधी का पता 2 फ्रोग्नल वे, लंदन एनडब्ल्यू3 6एक्सई दिया गया है जबकि दूसरे रिटर्न में 51 साउथगेट स्ट्रीट, वीनचेस्टर, हैम्पशायर, एसओ23 9ईएच दिया गया है।
हालांकि 21 अगस्त 2003 को निगमीकरण के वास्तविक प्रमाण पत्र में राहुल गांधी की नागरिकता भारतीय दिखाई गई है। इस दस्तावेज को उनके एजेंट डैमियन वार्डिंगली ने जमा कराए थे।
जुलाई 2004 को राहुल के सहयोगी डायरेक्टर मैकनाइट द्वारा साइन किए गए एक दस्तावेज में राहुल की नागरिकता ब्रिटिश लिखी गई है। फिर लगभग तीन महीने बाद 8 अक्टूबर, 2004 को उसे बदलकर भारतीय किया गया।
2009 में बंद किए गए इस कंपनी के दस्तावेजों में हुए फेरबदल पर द कंपनीज हाउस की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।