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सुप्रीम कोर्ट की इजाजत बिना सीवीसी-वीसी की नियुक्ति नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से बिना उसकी इजाजत के केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और सतर्कता आयुक्त (वीसी) की नियुक्ति नहीं करने को कहा है। कोर्ट ने इसके साथ ही इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया का ब्योरा भी मांगा है।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 09:38 AM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 11:06 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट की इजाजत बिना सीवीसी-वीसी की नियुक्ति नहीं

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से बिना उसकी इजाजत के केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और सतर्कता आयुक्त (वीसी) की नियुक्ति नहीं करने को कहा है। कोर्ट ने इसके साथ ही इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया का ब्योरा भी मांगा है। प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की पीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

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हालांकि कोर्ट ने सरकार को चयन प्रक्रिया जारी रखने की इजाजत दे दी है। केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि वे एक सीलबंद लिफाफे में चयन प्रक्रिया से संबंधित रिकॉर्ड पेश कर रहे हैं। सेंटर फॉर इंटेग्रिटी, गवर्नेस एंड ट्रेनिंग इन विजिलेंस एडमिनिस्ट्रेशन नामक गैरसरकारी संगठन ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि केंद्र सीवीसी और वीसी के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन बुलाने के लिए व्यापक प्रचार किए बगैर नियुक्ति की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

ये पद सीवीसी प्रदीप कुमार का कार्यकाल 28 सितंबर और वीसी जेएम गर्ग का कार्यकाल 7 सितंबर को पूरा होने से रिक्त हुए हैं। इससे पूर्व 18 सितंबर को कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरतने पर केंद्र सरकार की खिंचाई की थी। इसके बाद सरकार ने आश्वस्त किया था कि कोई भी अंतिम निर्णय कोर्ट की सहमति के बगैर नहीं लिया जाएगा।

भाई-भतीजावाद को बढ़ावा कोर्ट ने यह भी कहा था कि सीवीसी और वीसी की चयन प्रक्रिया पारदर्शी नहीं होने से पक्षपात और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा मिलता है। इन पदों के लिए सिर्फ नौकरशाहों को ही क्यों चुना जाता है? आम आदमी क्यों इन पदों पर नहीं बैठ सकता?

120 में से पांच नाम चुने जवाब देते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कैबिनेट सेकेट्ररी और 36 अन्य सचिवों ने इन पदों के लिए 120 नाम दिए थे। उनमें से 20 नाम लिए गए और अंतत: पांच नाम चुनकर चयन समिति को भेजे गए।


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