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सरस्वती के तट पर्यटक स्थल के रुप में विकसित किए जाएंगे

हरियाणा सरकार सरस्वती नदी के तट पर पर्यटन को बढ़ावा देगी। देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए न केवल मोटल-होटल बनाए जाएंगे, बल्कि यमुनानगर के आदिबद्री, कुरुक्षेत्र और पेहवा में संग्रहालय भी बनेंगे।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 06 May 2015 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2015 06:18 PM (IST)
सरस्वती के तट पर्यटक स्थल के रुप में विकसित किए जाएंगे

चंडीगढ़ (राज्य ब्यूरो) । हरियाणा सरकार सरस्वती नदी के तट पर पर्यटन को बढ़ावा देगी। देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए न केवल मोटल-होटल बनाए जाएंगे, बल्कि यमुनानगर के आदिबद्री, कुरुक्षेत्र और पेहवा में संग्रहालय भी बनेंगे।

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सरस्वती नदी के तट पर पर्यटन का समस्त काम सरस्वती हैरीटेज विकास बोर्ड के जरिए होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले दिनों इस बोर्ड की घोषणा की थी, जिसके पदाधिकारी तय किए जाने अभी बाकी हैं। इस बोर्ड के जरिए आदिबद्री में एक मोटल, मुस्तफाबाद, कपालमोचन, कुरुक्षेत्र और पेहवा में होटल बनाने की योजना है। सरस्वती नदी शोध संस्थान ने कपालमोचन, बीड़ पिपली, पिपली और पेहवा में चार हर्बल पार्क बनाने का प्रस्ताव भी मुख्यमंत्री को दिया है। जिन सात जिलों में सरस्वती के बहने का दावा हो रहा है, वहां कनेक्टिविटी पर खास ध्यान दिया जाएगा। सड़कें चौड़ी बनेंगी।

सरस्वती नदी शोध संस्थान के उप प्रधान भारत भूषण भारती के अनुसार जिस जिले में भी सरस्वती कुंड है, उनमें शुद्ध पानी की व्यवस्था रहेगी। आदिबद्री में सरस्वती हैरीटेज संग्रहालय बनाया जाएगा। कुरुक्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री 20 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर चुके।

पेहवा में भी ऐसा संग्र्रहालय बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने राज्य सरकार से सरस्वती के दायरे वाले जंगल को नेशनल पार्क घोषित करने का सुझाव देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र को स्मार्ट सिटी बनाया जाना चाहिए। भारती के अनुसार आदिबद्री से गुहला तक सरस्वती नदी की खुदाई के काम में तेजी लाई जाएगी। मुस्तफाबाद से 32 किलोमीटर दूर आदिबद्री से पेहवा तक खुदाई पहले भी हो चुकी है। यदि बीच में भराव हो गया तो उसे दोबारा खुदवाया जाएगा।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जानकारी देते हुए कहा कि सरस्वती हैरीटेज बोर्ड द्वारा सरस्वती नदी के तट पर सभी तीर्थ स्थलों व पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा। सरकार ने सरस्वती हैरीटेज बोर्ड का गठन किया है। सरस्वती नदी के तट पर खुदाई व अन्य कार्यों के लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ रुपए की राशि भी जारी कर दी है। पर्यटन की दृष्टि से कई योजनाओं पर सरकार गंभीरता के साथ विचार कर रही है।

दूसरी तरफ राज्य के पर्यटन मंत्री प्रो रामबिलास शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेहद गंभीर है। सरस्वती के तट पर तो पर्यटन बढ़ेगा ही साथ ही जिन-जिन जिलों में पर्यटन की संभावनाएं हैैं, उन्हें विकसित करेंगे। सरस्वती नदी का पुनर्जन्म हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है।

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