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सारधा के तार आतंकियों से जुड़े होने के साक्ष्य

सारधा चिटफंड घोटाले के तार बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) से जुड़े होने के जांच एजेंसियों को अहम सुराग मिले हैं। उन तथ्यों की अब सीबीआइ व एनआइए की टीम संयुक्त रूप से जांच करेगी।

By Sachin kEdited By: Published: Sat, 27 Dec 2014 07:27 PM (IST)Updated: Sat, 27 Dec 2014 07:52 PM (IST)
सारधा के तार आतंकियों से जुड़े होने के साक्ष्य

जागरण ब्यूरो, कोलकाता। सारधा चिटफंड घोटाले के तार बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) से जुड़े होने के जांच एजेंसियों को अहम सुराग मिले हैं। उन तथ्यों की अब सीबीआइ व एनआइए की टीम संयुक्त रूप से जांच करेगी।

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सारधा कांड की सीबीआइ व ब‌र्द्धमान विस्फोट कांड की एनआइए जांच में कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं, जिनकी पड़ताल से स्पष्ट हो रहा है कि सारधा के 75 करोड़ रुपये बांग्लादेश भेजे गए हैं और वे रुपये वहां की इस्लामी बैंक में जमा हुए।

सीबीआइ अब एनआइए के साथ मिलकर सारधा घोटाले के ब‌र्द्धमान विस्फोट व जेएमबी लिंक की आशंका की भी जांच करेगी। सूत्रों के मुताबिक, सारधा के करीब 75 करोड़ रुपये बंगाल के नेताओं के माध्यम से जेएमबी आतंकियों तक पहुंचे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, दोनों जांच एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने गत 18 दिसंबर को दिल्ली में बैठक की थी। बैठक में अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे थे कि जांच में दोनों एजेंसियां सूचनाएं साझा करेंगी व समन्वय बनाकर काम करेंगी।

नए तथ्य इस लिहाज से भी अहम हैं, क्योंकि हाल में ही केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में कहा था कि अब तक सारधा घोटाले की जांच में इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि इसका खागरागढ़ विस्फोट से कोई संबंध हैं।

मारे गए आतंकी ने 18 बार रुपये पहुंचाए थेः

सूत्रों के मुताबिक, करीब 75 करोड़ रुपये का लेन-देन जेएमबी व बंगाल के कुछ नेताओं के हाथों हुआ हैं। सारधा का कुछ रुपया कोलकाता के कई एनजीओ के माध्यम से बांग्लादेश के कई बैंकों, खासकर इस्लामी बैंक में जमा हुआ। खागरागढ़ विस्फोट में मारे गए आतंकी शकील अहमद के ठिकाने से बरामद दस्तावेजों से पता चला है कि तीन वर्षों में उसने करीब 18 बार रुपये बांग्लादेश में कई स्थानों पर पहुंचाए।

असम से गिरफ्तार जेबीएम के सदस्य डाक्टर उर्फ शाहनूर आलम व म्यांमार के संदिग्ध आतंकी अब्दुल खालिद से पूछताछ के दौरान एनआइए को पता चला कि बांग्लादेश में जितना पैसा पहुंचाया गया, वह आशंका से कहीं अधिक है। जांच से जुड़े एनआइए के एक अधिकारी का कहना है कि 'मनी ट्रेल' का पता लगाना इसलिए भी बहुत मुश्किल हो रहा है, क्योंकि यह हवाला के जरिये बांग्लादेश से आया और गया।

कुछ पैसा कुवैत व सऊदी अरब भी भेजा गया। इस पूरे मामले में नेता भी लिप्त हैं। एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सारधा घोटाले व ब‌र्द्धमान विस्फोट कांड में सीधे तौर पर संबंध होने का दावा अब तक नहीं किया गया, लेकिन इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि मोटी रकम सीमा पार (बांग्लादेश) भेजी गई। इसके स्रोत का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

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