काश, पीएम ने सरबजीत की ये मांग मान ली होती..
अब सरबजीत सिंह नहीं रहे। पाकिस्तान के कोट लखपत जेल में बंद सरबजीत सिंह ने अपनी रिहाई के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा को पत्र लिखा था। हिंदी में लिखे इन पत्रों में सरबजीत ने भारत सरकार द्वारा अपनी रिहाई का मामला संयुक्त राष्ट्र संघ को सौंपने की मांग की थी। क्या थी दरिंदों की चाहत पढ़ने के
नई दिल्ली। अब सरबजीत सिंह नहीं रहे। पाकिस्तान के कोट लखपत जेल में बंद सरबजीत सिंह ने अपनी रिहाई के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा को पत्र लिखा था। हिंदी में लिखे इन पत्रों में सरबजीत ने भारत सरकार द्वारा अपनी रिहाई का मामला संयुक्त राष्ट्र संघ को सौंपने की मांग की थी।
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पीएम ने नाम सरबजीत सिंह का खत
सेवा में
श्रीमान प्रधानमंत्री
डॉ.मनमोहन सिंह जी
'मैं सरबजीत सिंह, भारतीय कैदी पाकिस्तान की जेल में रिहाई के लिए बाट जोह रहा हूं। जब सारी दुनिया के सामने यह साफ हो गया है कि मैं निर्दोष हूं, उसके बाद भी मुझे पाकिस्तानी हुकूमत रिहा क्यों नहीं कर रही है। कृपा करके आप पाकिस्तान की हुकूमत के साथ-साथ विश्व स्तर पर मेरा मामला उठाएं। यह मामला यूएनओ को दें ताकि मेरी रिहाई जल्द हो सके। मैं आपका और हर देशवासी का कर्जदार हूं, जिन्होंने अब तक मेरी इतनी मदद की है। आपकी बड़ी कृपा होगी।'
-भारत का सेवक और पाक में गुलाम, सरबजीत सिंह।
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