शंकराचार्य ने साई पर फिर उठाए सवाल, कहा 'मोहम्मद वंशीय थे'
ज्योतिष एवं शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बुधवार को यहां दावा किया कि साई मोहम्मद वंशीय यवन थे।
इलाहाबाद । ज्योतिष एवं शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बुधवार को यहां दावा किया कि साई मोहम्मद वंशीय यवन थे।
पत्रकारों से बातचीत में साई को लेकर उठे विवाद में शंकराचार्य अपने मत पर दृढ़ नजर आए। बोले, हिंदुओं के धर्म शास्त्र में कहीं भी साई पूजा का जिक्र नहीं है। यदि चमत्कार के आधार पर पूजा करनी है तो हनुमान से बड़ा चमत्कारी कोई दूसरा नहीं है। उन्होंने शिरडी में बनी उनकी मजार पर हिंदुओं को जाने से बचने की सलाह दी। कहा कि मुसलमान इसलिए नहीं जाएंगे क्योंकि वहां साई की मूर्ति लग गई है।
धर्मनिपरेक्षता पर भी निशाना
शंकराचार्य ने कहा, देश के मदरसों में कुरान के जरिए मुस्लिम बच्चों को और मिशनरी स्कूलों में बाइबिल के माध्यम से इसाईयों के साथ-साथ अन्य बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, लेकिन हिंदुओं को उनके धर्म के सापेक्ष शिक्षा देने में कथित धर्मनिरपेक्षता आड़े आ रही है। कहा कि अल्पसंख्यकों का वीटो पॉवर खत्म करना चाहिए। हिंदुओं को भी धर्म की शिक्षा मिले इसलिए स्कूलों में गीता, रामायण की पढ़ाई कराई जाए।
गंगा हो बंधन मुक्त
स्वामी स्वरूपानंद ने गंगा से जुड़े सवाल पर कहा कि उनकी अविरलता, के लिए जरूरी है कि उन्हें बंधन मुक्त किया जाए। यमुना जल के लिए भी उनकी यह सलाह है।
ताजमहल के नीचे शिवलिंग
जगद्गुरु ने कहा कि आगरा में ताजमहल के नीचे शिवलिंग बना है। बोले, वहां सावन के महीने में जलधारा इसीलिए निकलती है। कहा कि पूर्व में जबरन कुछ हड्डियां रखकर मकबरा बना दिया गया। जगदगुरु का दावा था कि मुमताज महल बुरहानपुर में खत्म हुई थी तो उसे कैसे यहां दफनाया जा सकता था। इसलिए इस मामले का परीक्षण कराया जाना चाहिए।