सहारनपुर दंगा: सियासत ने बदली कमिश्नर की रिपोर्ट की तारीख?
सहारनपुर दंगे की प्रशासनिक जांच कर रहे कमिश्नर मेरठ मंडल भूपेन्द्र की रिपोर्ट की तारीख सियासत ने बदल दी है। गृह सचिव कमल सक्सेना के आदेश के अनुपालन में कमिश्नर को यह रिपोर्ट 20 अगस्त को शासन को सौंपनी थी, पर अब 23 अगस्त को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट देने से पहले कमिश्नर विधि विशेषज्ञों से भी राय ले रह
सहारनपुर [जासं]। सहारनपुर दंगे की प्रशासनिक जांच कर रहे कमिश्नर मेरठ मंडल भूपेन्द्र की रिपोर्ट की तारीख सियासत ने बदल दी है। गृह सचिव कमल सक्सेना के आदेश के अनुपालन में कमिश्नर को यह रिपोर्ट 20 अगस्त को शासन को सौंपनी थी, पर अब 23 अगस्त को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट देने से पहले कमिश्नर विधि विशेषज्ञों से भी राय ले रहे हैं ताकि इसे लेकर कोई सियासत न हो।
सहारनपुर दंगे पर लोनिवि मंत्री शिवपाल यादव की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया था। अब सभी दलों की नजर मेरठ के कमिश्नर की जांच रिपोर्ट पर है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी व सांसद राघव लखन पाल पहले ही इस रिपोर्ट को लेकर राज्यपाल को भेजे पत्र में आशंका जता चुके हैं कि कमिश्नर की रिपोर्ट सपा नेताओं की राजनीति से प्रभावित होगी। शिवपाल अपनी रिपोर्ट में सहारनपुर उपचुनाव में लाभ लेने के लिए बेवजह भाजपा सांसद को कथित रूप से दंगे का आरोपी बता रहे हैं।
सवाल यह है कि जब दंगे को लेकर अब तक पुलिस में दर्ज हुए मुकदमों या पुलिस द्वारा दंगे को लेकर दर्ज कराई गयी पहली रिपोर्ट में सांसद की भूमिका कहीं नहीं है तो शिवपाल यादव ने अपनी रिपोर्ट में उनका नाम क्यों लिया।
कमिश्नर ने पत्रकार वार्ता में दावा किया था कि वह हर हालत में 20 अगस्त तक रिपोर्ट शासन को दे देंगे, पर अब शिवपाल यादव की रिपोर्ट के बाद 23 अगस्त को रिपोर्ट सौंपने की बात चुगली कर रही है कि इस रिपोर्ट को लेकर अंदरखाने राजनीति हो रही है।
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