सांसदों को 'काम नहीं तो वेतन नहीं' का साध्वी ज्योति ने किया समर्थन
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी सांसदों के लिए 'काम नहीं तो वेतन नहीं' नीति के सुझाव का समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने एक अगस्त को वाराणसी में यह सुझाव दिया था। संसद में वर्तमान में जारी गतिरोध को लेकर 'काम नहीं तो वेतन नहीं' के
अहमदाबाद। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी सांसदों के लिए 'काम नहीं तो वेतन नहीं' नीति के सुझाव का समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने एक अगस्त को वाराणसी में यह सुझाव दिया था।
संसद में वर्तमान में जारी गतिरोध को लेकर 'काम नहीं तो वेतन नहीं' के सुझाव पर उनकी राय पूछे जाने पर ज्योति ने इससे सहमति जताई। उन्होंने कहा कि अगर संसद में कामकाज नहीं होता है तो सांसदों के वेतन में कटौती की जानी चाहिए।
ज्योति ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में रही। अब जब उसकी सत्ता चली गई तो उसे लगता है कि उसके हाथ से उसका साम्राज्य फिसल रहा है। उसके पास चर्चा या बहस करने के लिए कोई अन्य एजेंडा नहीं है, इसीलिए वह गतिरोध पैदा कर रही है। ज्योति ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को संसद का बहिष्कार करने के बजाय चर्चा करने का साहस दिखाने की चुनौती दी।
'देश में हर साल 92 हजार करोड़ रुपये की खाद्य वस्तुएं बर्बाद होती हैं'
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने मंगलवार को कहा कि देश में हर साल 92 हजार करोड़ रुपये की खाद्य वस्तुएं बर्बाद हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि देश में केवल दो फीसद खाद्य वस्तुएं ही प्रसंस्कृत होती हैं।
ज्योति ने खाद्य वस्तुओं की बर्बादी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय प्रभावी शीत प्रणाली पर काम कर रहा है जिसके तहत खाद्य वस्तुओं के लिए शीत भंडार गृह (कोल्ड स्टोरेज) और रेफ्रिजरेटेड यातायात का प्रबंध किया जाएगा।
यद्यपि हमारा मंत्रालय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास के लिए अच्छा काम कर रहा है, फिर भी अभी काफी कुछ किया जाना है। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित नीति बनाने में छोटे किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखने की जरूरत बताई। ज्योति यहां फूड प्रोसेसिंग, एग्री-बिजनेस एंड डेयरीज (एफएडी) अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।