कोलेजियम मामले पर सुषमा से मिले कानून मंत्री
कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने गुरुवार शाम विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की।
नई दिल्ली। उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी संशोधित मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (एमओपी) के कुछ प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट की आपत्ति का जवाब में सरकार जुट गई है। कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने गुरुवार शाम विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। दोनों केंद्रीय मंत्रियों के बीच सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को सौंपे जाने वाले जवाब को अंतिम रूप देने पर चर्चा हुई।
माना जा रहा है कि कोलेजियम की आपत्ति के बावजूद सरकार एमओपी के कुछ प्रावधानों पर अड़ी रह सकती है। विदेश मंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह ने एमओपी को अंतिम रूप दिया है। एमओपी सुप्रीम कोर्ट और 24 हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति में दिशानिर्देश का काम करेगा। कोलेजियम को जवाब सौंपने से पहले सरकार अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी की राय की भी प्रतीक्षा करेगी। रोहतगी ने एमओपी के मसौदे को अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "आज तक कुछ भी तय नहीं हआ है। लेकिन कोलेजियम द्वारा जताई गई कुछ आपत्तियों पर सरकार अड़ी रह सकती है।" संशोधित एमओपी का लक्ष्य न्यायिक नियुक्तियों में ज्यादा पारदर्शिता लाना है। सरकार का मानना है कि संशोधित मसौदा इस दिशा में एक कदम है। परंपरा के मुताबिक, एमओपी को लागू करने और सार्वजनिक करने से पहले सरकार और न्यायपालिका को प्रावधानों पर सहमत होना होगा।
28 मई को कोलेजियम ने संशोधित एमओपी लौटाते हुए सरकार को कुछ अनुच्छेदों में बदलाव लाने का सुझाव दिया था। कोलेजियम ने राष्ट्रीय हित के आधार पर उसकी सिफारिश खारिज करने के सरकार के अधिकार पर सवाल उठाया था।
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