सचिन ने किससे कहा कि 'कम से कम मुझे एक बार फोन तो कर लेते'
फिल्म में सचिन की पूरी जिंदगी मौजूद है और इसी में है वो विवाद भी जो सचिन कभी नहीं भूल पाए।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। पूर्व महान भारतीय बल्लेबाज सचिन रमेश तेंदुलकर पर आधारित फिल्म आज सिनेमाघरों में जैसे ही आई सचिन के फैंस का उत्साह देखने लायक रहा। एक खेल पत्रकार के तौर पर जब सचिन की फिल्म देखी तो 90 के दशक के वो सभी पुराने दिन ताजा हो गए और काफी सारी खास खबरें भी याद आ गईं जो सचिन से जुड़ी थीं। फिल्म में सचिन की पूरी जिंदगी मौजूद है और इसी में है वो विवाद भी जो सचिन कभी नहीं भूल पाए।
- जब बनाए गए थे कप्तान
फिल्म में एक हिस्सा उस दौर के बारे में भी है जब सचिन को कप्तान बनाया गया था। सचिन को उनके करियर में दो बार कप्तान बनाया गया था। फिल्म में सचिन ने ये खुद जाहिर किया कि 1996 में जब उनको पहली बार कप्तान बनाया गया था तब वो इसके लिए तैयार नहीं थे और फिर उनकी मर्जी जाने बिना और उनसे चर्चा किए बिना कप्तानी से हटा भी दिया गया। इसी दौरान फिल्म में सचिन बीसीसीआइ के आला अधिकारियों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहते हैं कि जब ये फैसले लिए गए 'तो कम से कम एक फोन तो करना चाहिए था, वो भी नहीं किया।'
- रहने लगे थे गुमसुम, घर में भी करते थे फील्डिंग सेट करने की बातें
फिल्म में कप्तानी के इस दौर की चर्चा उनके घर तक भी जाती है। सचिन की पत्नी अंजलि के मुताबिक सचिन कप्तानी की वजह से इतना दबाव में थे कि दिन-रात इसी में खोए रहते थे। आलम ये था कि घर पर भी फील्डिंग में कहां किसको लगाना है इस पर चर्चा होती रहती थी। सचिन तेंदुलकर को दूसरी बार फिर से कप्तानी सौंपी गई थी और वो इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे। सचिन ने इसके बारे में फिल्म में जिक्र भी किया कि उन्होंने अधिकारियों को साफ मना कर दिया था कि वो कप्तान बनना नहीं चाहते फिर भी अचानक एलान कर दिया गया कि वो कप्तान होंगे। भारतीय टीम इसके बाद ऑस्ट्रेलिया गई थी जहां सचिन ने तो अच्छा प्रदर्शन दिया लेकिन टीम इंडिया को 0-3 से करारी शिकस्त मिली। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका ने भी 0-2 से टेस्ट सीरीज में हराया और सचिन टूट गए। उन्होंने 2000 में कप्तानी से इस्तीफा दे दिया और फिर कप्तानी का ताज सौरव गांगुली के सिर सजाया गया।
इसके बाद 2007 में जब भारतीय टीम वेस्टइंडीज में हुए विश्व कप में शर्मनाक प्रदर्शन के कारण पहले ही राउंड में बाहर हो गई तो उस दौरान कप्तान राहुल द्रविड़ ने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था। उस समय बीसीसीआइ अध्यक्ष शरद पवार ने सचिन के सामने कप्तानी का प्रस्ताव रखा था लेकिन सचिन ने मना करते हुए महेंद्र सिंह धौनी के नाम को आगे रख दिया। उसके बाद धौनी को टीम इंडिया का कप्तान चुन लिया गया।
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