ओडिशा पुलिस को मिली बड़ी सफलता, मोस्ट वांटेड नक्सली पांडा गिरफ्तार
भुवनेश्वर। ओडिशा पुलिस को उस समय बड़ी सफलता मिली जब मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर सब्यसाची पांडा को गंजम जिले से गिरफ्तार कर लिया गया। पांडा की 60 से अधिक मामलों में तलाश थी। इस सफलता के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार डाल कर शांति का रास्ता अपनाएं। पुलिस महानिदेशक संजीव मारिक ने बताया कि खुफिया
भुवनेश्वर। ओडिशा पुलिस को उस समय बड़ी सफलता मिली जब मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर सब्यसाची पांडा को गंजम जिले से गिरफ्तार कर लिया गया। पांडा की 60 से अधिक मामलों में तलाश थी। इस सफलता के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार डाल कर शांति का रास्ता अपनाएं।
पुलिस महानिदेशक संजीव मारिक ने बताया कि खुफिया जानकारियों के आधार पर पुलिस ने पांडा के ठिकाने पर छापा मारा और उसे गुरवार रात बेरहामपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। पांडा के सिर पर पांच लाख रुपये का इनाम था। वह दो दशक से राज्य में नक्सली गतिविधियों में लिप्त था। उसने रायगढ़ और गजपति जिलों में चासी मुलिया समिति और कुई लावेंगा संघ की 1995 में स्थापना की थी। ये संगठन नक्सलवाद के प्रचार-प्रसार में लगे थे।
मारिक ने पांडा की गिरफ्तारी को पुलिस की बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा-गुप्त सूचना के आधार पर चलाए गए इस अभियान में एक भी गोली नहीं चलानी पड़ी। पांडा के पास से एक रिवाल्वर, दो लाख रुपये नकद, 500 ग्राम सोना, दस मोबाइल फोन, दो हार्ड डिस्क और पांच पेन ड्राइव जब्त किए हैं।
लक्ष्मणानंद हत्या में लिप्त
साल 2008 में कंधमाल जिले में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और उनके चार सहयोगियों की हत्या समेत 60 से अधिक मामलों में इस नक्सली कमांडर की तलाश थी। कंधमाल में लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।
साल 2012 में दो पर्यटकों के अपहरण के मामले में भी वह शामिल था। इनमें से एक को छोड़ दिया गया था, जबकि दूसरे को 29 दिन तक बंधक बनाए रखने के बाद रिहा किया गया था।