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भारत के दवाब से पस्त हुआ पाक, सार्क सम्मेलन पर लटकी तलवार

भारत के साथ ही अफगानिस्तान, भूटान और बांग्लादेश के बहिष्कार के बाद लगभग तय हो गया है कि नवंबर में इस्लामाबाद में प्रस्तावित दक्षेस शिखर सम्मेलन अब नहीं होगा।

By Atul GuptaEdited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 04:14 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 09:27 AM (IST)
भारत के दवाब से पस्त हुआ पाक, सार्क सम्मेलन पर लटकी तलवार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सार्क के मंच पर पाकिस्तान पूरी तरह पस्त पड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नहीं जाने से लगभग तय हो गया है कि नवंबर में इस्लामाबाद में प्रस्तावित दक्षेस शिखर सम्मेलन अब नहीं होगा। सार्क का मौजूदा अध्यक्ष नेपाल जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा करने वाला है। पाकिस्तान ने भी मान लिया है कि नौ और 10 नवंबर को होने वाला सार्क शिखर सम्मेलन अब संभव नहीं है।

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प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि किसी भी सदस्य देश के इन्कार करने के बाद शिखर सम्मेलन नहीं हो सकता है। हालांकि, भारत इस कोशिश में है कि इस्लामाबाद बैठक रद होने के साथ ही सार्क प्रमुखों की अगली बैठक कहां हो, यह भी तय हो जाए। भारत किसी दूसरे देश में भी बैठक आयोजित करवाने के विकल्प पर विचार कर रहा है। भारत के अलावा अफगानिस्तान, भूटान और बांग्लादेश ने भी सार्क सम्मेलन से दूर रहने का फैसला किया है।

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नेपाली मीडिया ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि जल्द ही सार्क बैठक रद होने की घोषणा कर दी जाएगी। नेपाल के विदेश मंत्री और सार्क के महासचिव अभी देश से बाहर हैं। उनके काठमांडू लौटने पर इस संबंध में एलान कर दिया जाएगा। नेपाल के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर बुधवार को एक बयान में कहा गया कि सार्क सम्मेलन में सभी सदस्य देशों की सहभागिता के लिए सहयोगी माहौल जरूरी है। उल्लेखनीय है कि आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान अपने ही पड़ोसी देशों के बीच अच्छी तरह घिर गया है। भारत के अलावा बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भूटान ने उस पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। बांग्लादेश ने सार्क के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को भेजे गए पत्र में लिखा है, 'एक देश की तरफ से हमारे आंतरिक मामले में हो रहे हस्तक्षेप से ऐसा माहौल बन गया है कि इस्लामाबाद में सार्क की अगली शिखर बैठक का सफल आयोजन नहीं हो पाएगा।

ऐसे में बांग्लादेश प्रस्तावित सार्क बैठक में हिस्सा नहीं लेगा।' अफगानिस्तान ने लिखा है कि अफगानिस्तान पर थोपे गए आतंकवाद की वजह से ¨हसा और लड़ाई काफी बढ़ गई है। ऐसे में राष्ट्रपति अशरफ घनी पूरी तरह से व्यस्त रहेंगे और वह सम्मेलन में हिस्सा लेने की स्थिति में नहीं रहेंगे। भूटान ने कहा है कि हाल के दिनों में जिस तरह से आतंकी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं, उसकी वजह से इस्लामाबाद में 19वें सार्क शिखर सम्मेलन आयोजित करने का माहौल नहीं रह गया है।

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भारत की पहली सफलता

-सार्क बैठक का रद होना उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान को अलग-थलग करने की मुहिम में जुटे भारत को मिली पहली सफलता है।
-सार्क सम्मेलन के जरिये विश्व बिरादरी में अपनी छवि सुधारने की कोशिश में जुटे पाकिस्तान को इससे करारा झटका लगा है।
-पाकिस्तान को अब सफाई देने में काफी दिक्कत होगी। उसके चार पड़ोसी देश उस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं।
क्यों निशाने पर है इस्लामाबाद
-भारत ने नेपाल को बताया है कि उड़ी हमले के बाद बने माहौल में उसके लिए सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेना नामुमकिन है।
-बांग्लादेश इससे नाराज है कि जमात-ए-इस्लामी के कुछ नेताओं पर युद्ध अपराध के चल रहे मामलों में पाक लगातार हस्तक्षेप कर रहा है।
-अफगानिस्तान पाकिस्तान पर अपने आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और आतंकियों के जरिये सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा रहा है।
-भूटान का कहना है कि वह क्षेत्र के कुछ अन्य देशों की इस भावना के साथ है कि स्थानीय शांति व सुरक्षा को आतंकवाद से खतरा उत्पन्न हो गया है।

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