रूस पांचवीं पीढ़ी के युद्धक विमान भारत को बेचने का इच्छुक
यह रूसी और भारतीय इंजीनियरों के योगदान से बना रूस की सबसे आधुनिक तकनीक पर आधारित है।
बेनोलिम (गोवा), प्रेट्र। भारत के साथ 60 हजार करोड़ के सैन्य सौदे पर दस्तखत के बाद रूस को अब उम्मीद है कि इस साल के अंत तक वह भारत के साथ एक और बड़ा सौदा करने में कामयाब होगा। भारत के साथ रूस पांचवीं पीढ़ी के युद्धक विमान (एफजीएफए) का सौदा करना चाहता है।
रूस की 700 हाइटेक नागरिक और सैन्य कंपनियों का संगठन रोसटेक स्टेट कारपोरेशन के सीईओ सर्गेई चेमोजोव ने रविवार को बताया कि वह समझौते पर दस्तखत करने को तैयार हैं। अब समझौते पर फैसला लेने के लिए गेंद भारतीय खेमे में है। अभी भी कुछ औपचारिकताएं करनी बाकी हैं। लेकिन मेरे विचार से इस पर दस्तखत इस साल के अंत तक हो जाएंगे।
भारत और रूस के बीच एक करीब एक साल की चुप्पी के बाद फरवरी में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने मंजूरी दी। तब जाकर लंबित एफजीएफए परियोजना पर बातचीत फिर शुरू हुई। तब से अब तक बहुत से मुद्दे सुलझा लिए गए हैं। कीमत, आइपीआर और तकनीकी हस्तांतरण को भी सुलझा लिया गया है। चेमोजोव ने बताया कि एफजीएफए प्रोजेक्ट एक अनुपम युद्धक विमान होगा। यह रूसी और भारतीय इंजीनियरों के योगदान से बना रूस की सबसे आधुनिक तकनीक पर आधारित है। पांचवीं पीढ़ी का यह युद्धक विमान गति, बैलेस्टिक, सैन्य उपकरणों, उड़ान और मजबूती समेत सभी पहलुओं से पांचवीं पीढ़ी का है।
छह के बजाय अब 3.7 अरब डॉलर में मिलेगा युद्धक विमान
रक्षा सूत्रों का कहना है कि नए ऑफर के तहत भारत को तकनीकी हस्तांतरण समेत तीन प्रोटोटाइप (प्रतिकृति) युद्धक विमान के लिए अब 6 अरब डॉलर के बजाय 3.7 अरब डॉलर रकम ही चुकानी होगी। वर्ष 2010 में भारत इस युद्धक विमान की प्रारंभिक डिजाइन के लिए 29.5 अरब डॉलर कीमत चुकाने को तैयार हो गया था। भारत में इस विमान को पर्सपेक्टिव मल्टी रोल फाइटर (पीएमएफ) कहा जाना था।
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