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रूसी बमबारी से मलबे में दबी मासूम, जिंदा देखते ही रो पड़ा बचावकर्मी

रूसी बमबारी की चपेट में आई इमारत के मलबे से बचावकर्मी अबू किफाह ने एक महीने की बच्ची को निकाला। जब उसने देखा बच्ची जिंदा है तो उसकी आंखों से आंसू निकल पड़े।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 01 Oct 2016 01:15 AM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2016 05:52 AM (IST)
रूसी बमबारी से मलबे में दबी मासूम, जिंदा देखते ही रो पड़ा बचावकर्मी

अलेप्पो, (एजेंसी)। सीरिया के इदलिब शहर पर रूसी विमानों की बमबारी से कई इमारतें धराशायी हो गई हैं। लोगों का कहना है कि रूसी बमबारी से एक साल में अलेप्पो में करीब 3800 नागरिक मारे गए हैं।

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गुरवार को बमबारी की चपेट में आई इमारत के मलबे से बचावकर्मी अबू किफाह ने एक महीने की बच्ची को निकाला। जब उसने देखा बच्ची जिंदा है तो उसकी आंखों से आंसू निकल पड़े। इस बच्ची को दो घंटे की खुदाई के बाद बचाया जा सका था। यहां राष्ट्रपति असद के समर्थन में रूस की बमबारी ठीक एक साल पहले यानी 30 सितंबर 2015 को शुरू हुई थी।

बमबारी से सीरिया के विभिन्न शहरों में 20 हजार नागरिक मारे गए हैं। डॉक्टर विदाउट बॉर्डर के निदेशक साइस्को विलालोंगा ने शुक्रवार को कहा कि पूरा अलेप्पो मौत का बड़ा डिब्बा बन गया है। यहां ढाई लाख आबादी में अब केवल 35 डॉक्टर ही बचे हैं।

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