Move to Jagran APP

संघ-विहिप का फिर से मंदिर राग,याद दिलाए मोदी सरकार को वादे

केंद्र में मोदी सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने फिर से राम मंदिर समेत अन्य विवादास्पद मुद्दों पर अपने पुराने राग छेड़े हैं।

By Sachin kEdited By: Published: Tue, 26 May 2015 12:25 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 06:07 AM (IST)
संघ-विहिप का फिर से मंदिर राग,याद दिलाए मोदी सरकार को वादे

नागपुर/ हरिद्वार (ब्यूरो/ एजेंसी)। केंद्र में मोदी सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने फिर से राम मंदिर समेत अन्य विवादास्पद मुद्दों पर अपने पुराने राग छेड़े हैं।

loksabha election banner

संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख अरुण कुमार ने सोमवार को नागपुर में पत्रकारों से कहा कि भाजपा सरकार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण व जम्मू-कश्मीर के बाबत संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने जैसे चुनावी वादे पूरे कर लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए।

वहीं, हरिद्वार में विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल ने अपने दो दिवसीय बैठक के पहले दिन एक प्रस्ताव पारित कर सरकार से मंदिर निर्माण की बाधाएं दूर करने को कहा है। इसके लिए संतों का एक प्रतिनिधिमंडल सरकार से संपर्क भी करेगा।

गोहत्या पर प्रतिबंध का कानून बनाए केंद्र
इस मौके पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि देश में गोहत्या बंद होनी चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार को सख्त कानून बनाने की पहल करनी होगी। गोहत्या करने वालों को कठोर सजा देने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि देश में देसी गाय की नस्ल समाप्त हो रही है। इनके संवद्र्धन व संरक्षण के लिए हमें प्रभावी कदम उठाने होंगे।

बैठक में स्वामी परमानंद, राघवाचार्य महाराज, स्वामी विष्णु पुरी महाराज, स्वामी परमानंद महाराज समेत 108 संत उपस्थित थे।

पढ़ेंः राम मंदिर को भूल गई सरकारः देवा ठाकुर

भाजपा-आरएसएस नहीं धर्माचार्य बनाएंगे राम मंदिर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.