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RSS ने कहा- समलैंगिक सेक्स अपराध नहीं, मनोचिकित्सा की जरुरत

समलैंगिक सेक्स पर आरएसएस के ताजा बयान से एक बार फिर इसको लेकर बने कानून पर बहस छिड़ गई है। आरएसएस के मुताबिक, समलैंगिक सेक्स अपराध नहीं है बल्कि ऐसे लोगों को मनोचिकित्सा की जरुरत है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Fri, 18 Mar 2016 06:03 PM (IST)Updated: Fri, 18 Mar 2016 07:40 PM (IST)
RSS ने कहा- समलैंगिक सेक्स अपराध नहीं, मनोचिकित्सा की जरुरत

नई दिल्ली। समलैंगिक सेक्स पर आरएसएस के ताजा बयान से एक बार फिर इसको लेकर बने कानून पर बहस छिड़ गई है। एक दिन पहले समलैंगिक सेक्स को अपराध ना बताने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक शीर्ष नेता उसे स्पष्ट करते हुए शुक्रवार को कहा कि वो ऐसा मानते हैं कि ये सामाजिक तौर पर अनैतिक कृत्य है। ऐसे में इसको लेकर मनोचिकित्सा की जरुरता है ना कि दंड की। हालांकि योगगुरु बाबा रामदेव ने आरएसएस से समलैंगिकता पर दोबारा विचार करने की अपील की । उन्होंने कहा कि वो समलैंगिक संबंधों को अनैतिक और अप्राकृतिक मानते हैं।

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आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसाबले ने ट्वीट कर कहा कि होमोसेक्सुअलिटी कोई अपराध नहीं है बल्कि हमारे समाज में इसे अनैतिक माना जाता है। इसलिए, इसे दंड की बजाय मनोचिकित्सा के जरिए ठीक किया जाना चाहिए।

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उन्होंने आगे कहा कि समलैंगिक सेक्स अपराध तो नहीं होना चाहिए, लेकिन इसका महिमामंडन भी नहीं किया जाना चाहिए। जहां तक समलैंगिक शादी की बात है तो इसे पूरी तरीके से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

एक कार्यक्रम के दौरान दत्तात्रेय ने कहा कि समलैंगिक सेक्स अपराध इसलिए नहीं है क्योंकि ये दूसरे के जीवन को प्रभावित नहीं करता है। उन्होंने कहा कि किसी की सेक्सुअल प्राथमिकता किसी का व्यक्तिगत मसला है।

गुरूवार को होसाबले की तरफ से समलैंगिक सेक्स पर दिए इस बयान के बाद इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि समलैंगिक सेक्स को अपराध माननेवाली आईपीसी की धारा 377 पर केन्द्र सरकार दोबारा विचार कर सकती है।

हालांकि, भाजपा हमेशा समलैंगिक सेक्स के खिलाफ रही है और इसे अपराध ना माननेवाले लाए गए बिल के विरोध में वोट किया था। भाजपा के महासचिव राम माधव ने भी इस मुद्दे पर कहा कि था कि किसी का इस पर अपना व्यक्तिगत विचार हो सकता है। लेकिन ये एक बड़े बहस का विषय है।


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