बिहार में बढ़ रहा है संघ के प्रति लगाव, नए सदस्यों में 35 फीसद की बढ़त
बिहार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा का खासा प्रभाव नजर आया है। जानकारी के मुताबिक जुलाई-सितंबर में संघ का सदस्य बनने के लिए ऑनलाइन आवेदन में 35 फीसद की बढ़त देखी गई है।इस बढ़त में बिहार की बड़ी भूमिका है।
नई दिल्ली । बिहार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा का खासा प्रभाव नजर आया है। जानकारी के मुताबिक जुलाई-सितंबर में संघ का सदस्य बनने के लिए ऑनलाइन आवेदन में 35 फीसद की बढ़त देखी गई है।इस बढ़त में बिहार की बड़ी भूमिका है। चुनावी साल 2014 में आंकड़ों के मुताबिक देश में आरएसएस के प्रति बढ़ते रुझान ने 6 लाख से अधिक लोग, जिनकी उम्र चालीस साल से कम है उनका झुकाव बढ़ा। राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव को इसका बड़ा कारण माना जा रहा है।
वर्ष 2013 में लगभग 5 लाख सदस्य बनाने के साथ भगवा संगठन में नए सदस्यों की भर्ती लगातार बढ़ती जा रही है। इस वर्ष जनवरी से जून तक प्रति माह 5300 सदस्यों ने संघ का सदस्य बनने के लिए आवेदन किया।
साल 2014 में बिहार में पहले 6 महीने में प्रति माह औसतन 280 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया। वहीं जुलाई से सितंबर के महीने में ये आंकड़ा क्रमश: 353, 423 व 727 तक पहुंच गया है। दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़ों की बात करे तो ये 6083, 6555 व 8808 के स्तर पर पहुंच गया। संघ से जुड़ने के लिए ऑन लाइन आवेदन छोटा सा आंकड़ा है, बहुत से ऐसे भी हैं जो अपने शहर या मोहल्ले में संघ की करीबी शाखा में नियमित रुप से शामिल होते हैं।
संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य के अनुसार, संघ की अपील का युवाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। आज का युवा भारत की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ना चाहता है और इस पर गर्व करता है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है की युवा देश की सेवा करना चाहता है।
2012 में ये बढ़त प्रति माह औसतन 1000, 2013 में औसतन 2500 और 2014 में यह बढ़त सबसे ज्यादा 7000 की संख्या तक पहुंच गई थी। चुनाव के दौरान मोदी के प्रचार ने भाजपा व संघ के प्रति रुचि में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की।