संघ ने ममता की तुलना औरंगजेब व बाबर से की
ममता बनर्जी पर धार्मिक भेदभाव की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए लिखा है कि उनके काम करने की शैली मुगल शासक बाबर और औरंगजेब जैसी हो चुकी है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, कोलकाता। कोलकाता में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को पुलिस ने सभा की अनुमति नहीं दी थी। कलकत्ता हाई कोर्ट से अनुमति लेकर सभा आयोजित की गई। इसे लेकर सभा आयोजित होने के एक सप्ताह पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शनिवार संघ ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की तुलना औरंगजेब और बाबर की हुकूमत से कर डाली।
संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजनर ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर धार्मिक भेदभाव की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए लिखा है कि उनके काम करने की शैली मुगल शासक बाबर और औरंगजेब जैसी हो चुकी है। संघ ने कोलकाता में 14 जनवरी को हिंदू सम्मेलन आयोजित करने की राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी, जिसे ममता सरकार ने खारिज कर दिया था।
सम्मेलन को संघ प्रमुख मोहन भागवत संबोधित करने वाले थे। संघ का कहना है कि राज्य सरकार ने जो काम किया है वह मुगल शासन जैसा है जिसमें धर्म के आधार पर हमेशा भेदभाव किया जाता रहा। ऑर्गेनाइजर ने आगे लिखा है कि संघ जैसे एक राष्ट्रीय संगठन को सम्मेलन करने की अनुमति के लिए यदि अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़े तो यह न सिर्फ भेदभाव की मिसाल है, बल्कि कई मायने में बेहद खतरनाक भी है।
प्रेमी से धोखा खाने के बाद बलात्कार का रोना नहीं रो सकती शिक्षित लड़की'
सुप्रीम कोर्ट बजट टालने की याचिका पर 23 जनवरी को करेगी सुनवाई