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सांसदों के 35 करोड़ के होटल बिल से सरकार चिंतित

संसद के सत्र के दौरान सांसदों के होटल में ठहरने की सीमा के नियमों में सरकार बदलाव करना चाहती है। दरअसल, सांसदों का होटल बिल 35 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो अ‍भी आधिकारिक रूप से वहां ठहरने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक, कुछ ही महीनों में एक वर्ष

By manoj yadavEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2015 02:20 PM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2015 02:52 PM (IST)
सांसदों के 35 करोड़ के होटल बिल से सरकार चिंतित

नई दिल्ली। संसद के सत्र के दौरान सांसदों के होटल में ठहरने की सीमा के नियमों में सरकार बदलाव करना चाहती है। दरअसल, सांसदों का होटल बिल 35 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो अभी आधिकारिक रूप से वहां ठहरने वाले हैं।

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सूत्रों के मुताबिक, कुछ ही महीनों में एक वर्ष पूरी करने जा रही 16वीं लोकसभा के 543 सांसदों में से 35 सांसद छह अप्रैल तक राजधानी के द अशोक होटल में ठहरे थे। बताया गया कि नौ अप्रैल को आवास पर हुई कैबिनेट समिति की बैठक में शहरी विकास मंत्री एम वैंकैया नायडू ने सवाल किया कि जब संसद का सत्र नहीं होता और सांसद राजधानी में नहीं होते, तब सरकार सांसदों के होटल के बिल का भुगतान क्यों करे?

नायडू के हवाले से एक सूत्र ने बताया कि जब संसद का सत्र नहीं होता है, तो होटलों के कमरे या तो बंद कर दिए जाते हैं, या उन पर सांसदों का स्टाफ या उनके परिचित रहते हैं। सरकार इसके लिए भुगतान क्यों करे? यदि कानूनों को बदलने की जरूरत है, तो हमें उन्हें बदलना चाहिए।

सरकारी लग्जरी होटल में एक सूइट 12 हजार रुपए प्रतिदिन और कमरा नौ हजार रुपए प्रतिदिन पर मिलता है। होटल में ठहरने वाले अधिकांश सांसद लोकसभा के पहली बार चुने गए सदस्य हैं। इनमें 314 सदस्य शामिल हैं, जबकि अन्य सांसद उन्हें आवंटित किए गए घरों में चले गए हैं।

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साभार-नई दुनिया


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