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कश्मीर में हिंदू मुख्यमंत्री के बयान का चौतरफा विरोध

कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री शाम लाल शर्मा के इस सवाल पर राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है कि जम्मू-कश्मीर में हिंदू मुख्यमंत्री क्यों नहीं हो सकता? खुद कांग्रेस ने अपने नेता के बयान को उनकी निजी राय करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रो. सैफुद्दीन सोज ने कहा कि अगर शाम लाल जी ने ऐसा कुछ कहा है तो वह उनकी निजी राय है और

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 09:24 AM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 09:24 AM (IST)
कश्मीर में हिंदू मुख्यमंत्री के बयान का चौतरफा विरोध

श्रीनगर। कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री शाम लाल शर्मा के इस सवाल पर राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है कि जम्मू-कश्मीर में हिंदू मुख्यमंत्री क्यों नहीं हो सकता? खुद कांग्रेस ने अपने नेता के बयान को उनकी निजी राय करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रो. सैफुद्दीन सोज ने कहा कि अगर शाम लाल जी ने ऐसा कुछ कहा है तो वह उनकी निजी राय है और हर आदमी अपनी राय दे सकता है। संविधान इस बात की पूरी इजाजत देता है कि राज्य के किसी भी हिस्से का नागरिक, चाहे वह किसी भी जाति अथवा मजहब से हो, मुख्यमंत्री समेत किसी भी संवैधानिक पद पर बैठ सकता है।

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नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ. महबूब बेग ने कहा कि हिंदू मुख्यमंत्री बने या मुसलमान, इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन वह जनता का काम करने वाला होना चाहिए। शाम लाल शर्मा ने जिस तरीके से बयान दिया है उससे साफ है कि वह सांप्रदायिक सियासत कर रहे हैं। इसका राज्य में नकारात्मक प्रभाव होगा। वह वोटों की खातिर एक गंदी सियासत की तरफ जा रहे हैं।

उन्होंने इस बयान से न सिर्फ अपनी बल्कि कांग्रेस की भी धर्मनिरपेक्षता की पोल खोल दी है। पीडीपी के प्रमुख प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि शर्मा ने सांप्रदायिक ताकतों को बढ़ावा देने वाला बयान कैसे दे दिया? कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते हुए भाजपा पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाती है। मुझे तो लगता है कि कांग्रेस ही सबसे ज्यादा सांप्रदायिक है। उन्हें हिंदू कार्ड नहीं खेलना चाहिए।

माकपा नेता मुहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि शर्मा का बयान तर्कहीन है। शाम लाल शर्मा ने बुधवार को अखनूर में राजीव गांधी की जयंती पर जम्मू-कश्मीर में सिर्फ मुस्लिम मुख्यमंत्री बनते रहने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जब देश के अन्य हिस्सों में अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो जम्मू-कश्मीर में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एआर अंतुले का उदाहरण देते हुए यह भी कहा था कि अगर दो फीसद सिख आबादी होने के बाद मनमोहन सिंह दस साल प्रधानमंत्री रह सकते हैं तो हिंदू मुख्यमंत्री बनने में क्या बुराई है?

उन्होंने जम्मू से भेदभाव की चर्चा करते हुए राज्य सचिवालय का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि वहां 7200 कर्मचारियों में से सिर्फ 200 जम्मू से होना, भेदभाव का जीता जागता सुबूत है।

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