विजय माल्या के गवाह ने सीबीआइ पर ब्रिटेन की अदालत में उठाया सवाल
माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई मंगलवार को जारी रही। लंदन में स्कूल ऑफ आरिएंटल एंड एशियन स्टडीज (एसओएएस) के राजनीति विभाग में प्रोफेसर लारेंस साएज ने माल्या का पक्ष लिया।
लंदन, पीटीआइ। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की ओर से गवाह के रूप में राजनीतिक विशेषज्ञ को पेश किया गया। ब्रिटेन की अदालत में माल्या के प्रत्यर्पण मामले में भारत सरकार की पैरवी कर रहे क्राउन प्रॉसक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने दावा किया कि राजनीतिक विशेषज्ञ ने सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय जैसी भारतीय जांच एजेंसियों पर अविश्वास जताने के लिए दोषपूर्ण सामग्री पर विश्वास किया है।
वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई मंगलवार को जारी रही। लंदन में स्कूल ऑफ आरिएंटल एंड एशियन स्टडीज (एसओएएस) के राजनीति विभाग में प्रोफेसर लारेंस साएज ने माल्या का पक्ष लिया। भारतीय राजनीतिक प्रणाली पर साएज ने अपनी विशेषज्ञ राय दी। इसके तहत उन्होंने सीबीआइ की निष्पक्षता और खासतौर से इसके विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर सवाल उठाया। साएज ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व टिप्पणी को आधार बनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'सीबीआइ पिंजड़े में बंद तोता है जो अपने मालिक की भाषा बोलता है।'
दूसरी ओर ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के एक प्रोफेसर शुभंकर ने विजय माल्या की बचाव टीम की दलील खारिज कर दी है। माल्या की टीम ने प्रोफेसर के सहयोग से तैयार अध्ययन को कोट किया है। प्रोफेसर ने कहा है कि भगोड़े शराब कारोबारी के वकील ने निष्कर्ष का गलत अर्थ निकाल लिया है।
यह भी पढ़ें: विजय माल्या प्रत्यर्पण केस: सुप्रीम कोर्ट ने विदेश मंत्रालय से मांगा जवाब