टीम इंडिया में इस खूंखार खिलाड़ी को मिला नया सम्मान, अब करेंगे ये खास काम
अपने दस साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में उतार चढ़ाव से गुजरने वाले रोहित शर्मा को अब टीम इंडिया में एक सम्मान दिया गया है।
पल्लेकल, पीटीआइ: श्रीलंका के खिलाफ रविवार से शुरू हो रही वनडे सीरीज रोहित शर्मा के लिए बेहद खास है। अपने दस साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में उतार चढ़ाव से गुजरने और अभी तक टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाने वाले रोहित भारतीय वनडे टीम का उपकप्तान नियुक्त किए जाने से बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। वनडे में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाने वाले रोहित को टेस्ट सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला और वह पांच वनडे मैचों की सीरीज में इसकी भरपाई करना चाहते हैं।
सीरीज शुरू होने से पहले रोहित ने कहा, ‘पहली बात, उपकप्तान नियुक्त किया जाना बहुत बड़ा सम्मान है। दस साल पहले मैं केवल भारत की तरफ से खेलने के बारे में सोचता था। उपकप्तान होने के नाते मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। यह एक तरह का सम्मान है। जब हम 20 अगस्त को पहला वनडे मैच खेलने उतरेंगे, तो मैं किसी खास भूमिका में रहूंगा और मैं इसके लिए तैयार हूं। मैं इसके बारे में बहुत अधिक नहीं सोच रहा हूं। मैं केवल इस क्षण का लुत्फ उठाना चाहता हूं।’ रोहित को पहले भी अतिरिक्त जिम्मेदारी लेने की आदत है। वह इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में मुंबई इंडियंस के कप्तान हैं और उन्होंने अपनी टीम को तीन बार खिताब दिलाए हैं।
आइपीएल से तुलना ठीक नहीं: रोहित से जब आइपीएल और भारतीय टीम में उनकी नई भूमिका में तुलना करने में बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह से अलग तरह का खेल है। आइपीएल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पूरी तरह से भिन्न हैं। लेकिन फिर से उत्साह और ऊर्जा का स्तर पहले जैसा ही है। इसलिए बहुत कुछ नहीं बदला है। मैं यहां उपकप्तान हूं और टीम में कप्तान है। यहां मेरी भूमिका पर्दे के थोड़ा पीछे होगी। लेकिन जब मैं उपकप्तान के तौर पर मैदान पर उतरूंगा तो मैं काफी उत्साहित रहूंगा।’
उतार-चढ़ावों से काफी सीखा है: अंतरराष्ट्रीय करियर में अपने अभी तक के सफर के बारे में रोहित ने कहा, ‘यह दस साल बहुत जल्दी बीत गए। हां, उतार-चढ़ाव रहे, लेकिन किसी भी खिलाड़ी के करियर में ऐसा होता है। आप उतार-चढ़ावों से काफी कुछ सीखते हो। मैंने हमेशा इस अवसर (भारत की तरफ से खेलने) का इंतजार किया। पहले मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत की ओर से खेलूंगा। जब मैंने रणजी ट्रॉफी खेलनी शुरू की तब मुझे लगा कि मेरा लक्ष्य भारत की तरफ से खेलना हो सकता है। जब मुझे भारतीय टीम में चुना गया, तो फिर वहां से पीछे मुड़कर नहीं देखा।’
हर दिन, नया दिन: रोहित ने एक दशक से अधिक समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बिता दिया है, लेकिन वह अब भी हर दिन को एक नए दिन की तरह लेते हैं। उन्होंने कहा, ‘आज मैं स्वीप और रिवर्स स्वीप जैसे शॉट खेलने सीख रहा हूं विशेषकर तब जबकि लसिथ मलिंगा जैसे गेंदबाज से आपका सामना हो। पिछले दस सालों में मैंने कई चीजें सीखी। पहले जब मैं क्रीज पर उतरता था, तो लगातार कई शॉट खेलता था। बाद में मुझे अहसास हुआ कि आप हमेशा बड़े शॉट नहीं खेल सकते। आपको परिस्थितियों के बारे में पता होना चाहिए। मैंने इतने सालों में यह सब कुछ सीखा। सीखने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।’
राहुल व पटेल ने भी किया अभ्यास: रोहित के अलावा केएल राहुल और अक्षर पटेल ने भी बुधवार को वैकल्पिक नेट अभ्यास में भाग लिया। रोहित ने कहा, ‘श्रीलंका के खिलाफ मैंने कुछ अच्छी पारियां खेली हैं, लेकिन 2012 में श्रीलंका के खिलाफ मेरा प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा, जिससे पता चलता है कि खेल में कुछ भी हो सकता है।’
बाहर बैठने का अहसास अच्छा नहीं: रोहित को तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में बाहर बैठना पड़ा और इस बल्लेबाज ने कहा कि यह अच्छा अहसास नहीं था। उन्होंने कहा, ‘कोई भी बाहर नहीं बैठना चाहता है, लेकिन यह पूरी तरह से टीम संयोजन तथा कप्तान और कोच पर निर्भर करता है। आपको यह सच्चाई स्वीकार करकेआगे बढ़ना होता है। मैं देखता हूं कि क्रिकेटर के रूप में कहां सुधार कर सकता हूं। आप बैठकर समय बर्बाद नहीं कर सकते हो।’