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सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा पर धींगरा आयोग की रिपोर्ट कांग्रेस ने की खारिज

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने जमीन सौदे की जांच कर रहे जस्टिस धींगरा आयोग की रिपोर्ट सामने आने से पहले ही खारिज कर दी है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2016 08:12 PM (IST)Updated: Wed, 31 Aug 2016 08:54 PM (IST)
सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा पर धींगरा आयोग की रिपोर्ट कांग्रेस ने की खारिज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने हरियाणा में रार्बट वाड्रा के जमीन सौदे की जांच कर रिपोर्ट सौंपने वाली जस्टिस धींगरा कमीशन की रिपोर्ट सामने आने से पहले ही खारिज कर दी है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि कि केन्द्र और हरियाणा की भाजपा सरकार ने कांग्रेस और वाड्रा को बदनाम करने के लिए यह कमीशन बनाया था। इसी मकसद के अनुरुप जस्टिस धींगरा ने रार्बट वाड्रा को अपना पक्ष रखने का बिना कोई मौका दिए एकपक्षीय जांच की है।

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कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जस्टिस धींगरा ने अपनी रिपोर्ट आज सौंपी है जिसका आधिकारिक रुप से अभी खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन जिस तरह जांच रिपोर्ट काफी समय से मीडिया में लीक की गई है उससे साफ है कि राजनीतिक द्वेष से कांगे्रस और वाड्रा को बदनाम करने के लिए धींगरा कमीशन बनाया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब रिपोर्ट पहले ही लीक हो गई तो जांच का औचित्य क्या है?

जस्टिस धींगरा के चैरिटेबल ट्रस्ट को गुडगांव में जमीन का एक टुकड़ा उपहार के रुप में दिल्ली के एक शख्स से मिलने का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इससे साफ है कि उन्होंने आयोग के अध्यक्ष के रुप में अपनी निष्पक्षता से समझौता किया। हरियाणा सरकार की ओर से उनके ट्रस्ट को एक करोड के करीब मिले अनुदान भी इस बात को जाहिर करते हैं कि उनकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती।

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धींगरा आयोग पर प्रहार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस किसी के खिलाफ भी जांच होती है उसे अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है। मगर इस आयोग ने तो रार्बट वाड्रा को उनसे जुड़े मामलों की जांच के लिए उन्हें कभी बुलाया या अपनी बात रखने का मौका दिया। इससे साफ है कि आयोग जांच में सही तस्वीर नहीं बल्कि मनमाफिक जांच रिपोर्ट चाहता था। ताकि इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया जा सके।

सुरजेवाला ने कहा कि एक ही उदाहरण इस मनमाने रिपोर्ट को साबित करने के लिए पर्याप्त है। हरियाणा की विभिन्न सरकारों ने 33,697.57 एकड़ जमीन के लाइसेंस दिए। इसमें आयोग को केवल 16 वाणिज्यिक लाइसेंस से जुड़े 64.40 एकड़ भूमि की जांच को कहा गया जिसमें गुडगांव के सेक्टर 83 में वाड्रा के 2.7 एकड़ जमीन का मामला भी था।

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उन्होंने कहा कि इस जमीन के आवंटन में वाड्रा को किसी तरह का फायदा पहुंचाया गया इसका कोई सबूत नहीं है। इतना ही नहीं वाड्रा के डीएलएफ को यह ट्रांसफर करने के प्रस्ताव को भी अभी तक सरकार से मंजूरी नहीं दी गई है। सुरजेवाला ने कहा कि बदनाम करने वाली धींगरा आयोग की रिपोर्ट जब पूरी तरह सामने आ जाएगी तो कांग्रेस इसका मुकाबला करने के रास्ते तय करेगी।


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