गेस्ट हाउस मामले में घिरते दिख रहे वाड्रा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा गेस्ट हाउस मामले में घिरते नजर आ रहे हैं। उनका गेस्ट हाउस पालिसी (नीति) बनने से पहले ही बनना शुरू हो गया था। यही नहीं गेस्ट हाउस के लिए लाइसेंस लिया गया या नहीं, इस विषय पर प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। सूचना का अधिकार कानून के तहत मिली जानकार
जागरण संवाददाता, गुड़गांव। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा गेस्ट हाउस मामले में घिरते नजर आ रहे हैं। उनका गेस्ट हाउस पालिसी (नीति) बनने से पहले ही बनना शुरू हो गया था। यही नहीं गेस्ट हाउस के लिए लाइसेंस लिया गया या नहीं, इस विषय पर प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।
सूचना का अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी के मुताबिक सोहना रोड स्थित मेफिल्ड गार्डन के एन ब्लाक (एन-29 एवं एन-30) में प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा के 500-500 गज के दो प्लाट हैं। एक प्लाट वाड्रा और दूसरा उनकी एक कंपनी के नाम है। दोनों प्लाट के लिए बिल्डिंग प्लान 2010 के दौरान अलग-अलग स्वीकृत कराया गया। 2012 में प्रदेश सरकार ने गेस्ट हाउस को लेकर पालिसी बनाई कि एक हजार गज में या दो प्लाट (500-500 गज) को मिलाकर गेस्ट हाउस का निर्माण किया जा सकता है। मगर वाड्रा ने 2011 के दौरान ही दोनों प्लाट पर 25 कमरों का गेस्ट हाउस बनवाना शुरू कर दिया। मेफिल्ड गार्डन आरडब्ल्यूए के सेवानिवृत्त अध्यक्ष धर्मबीर यादव कहते हैं कि दोनों प्लाट अलग-अलग नहीं दिखते हैं। हमें नहीं पता था कि वाड्रा के भी प्लाट सोसायटी में हैं। नियम बनने से पहले ही गेस्ट हाउस का निर्माण दर्शाता है कि वाड्रा को पता था कि नई पालिसी बनने वाली है। इस बारे में जिला नगर योजनाकार से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं जिला उपायुक्त शेखर विद्यार्थी का कहना है कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर का है।