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इकोनॉमी का टिकट ले बिजनेस क्लास में सफर करते थे वाड्रा: तहलका

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और कुछ बड़े अधिकारियों का नाम इकोनॉमी क्लास के टिकट पर जेट एयरवेज के बिजनेस क्लास में सफर करने के मामले में सामने आया है। खोजी पत्रिका 'तहलका' के मुताबिक कम से कम दस बार वाड्रा का टिकट इकोनॉमी क्लास से बिजनेस

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 28 Nov 2014 08:43 PM (IST)Updated: Sat, 29 Nov 2014 08:06 AM (IST)
इकोनॉमी का टिकट ले बिजनेस क्लास में सफर करते थे वाड्रा: तहलका

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और कुछ बड़े अधिकारियों का नाम इकोनॉमी क्लास के टिकट पर जेट एयरवेज के बिजनेस क्लास में सफर करने के मामले में सामने आया है। खोजी पत्रिका 'तहलका' के मुताबिक कम से कम दस बार वाड्रा का टिकट इकोनॉमी क्लास से बिजनेस क्लास में अपग्रेड किया गया। किसी आम आदमी को ऐसा कराने के लिए एक करोड़ रुपये खर्च करने होते, लेकिन वाड्रा को कोई रकम नहीं देना पड़ी।

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वाड्रा ही नहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ और पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह की अनुशंसा पर अन्य लोगों के भी टिकट अपग्रेड किए गए। नेताओं के अलावा एयरपोर्ट अथॉरिटी और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से जुड़े अधिकारियों ने भी अपने और परिवार के लिए खूब टिकट अपग्रेड कराए। इस मामले में एक साल पहले ही सीबीआइ ने जांच शुरू कर दी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, फॉरेन एयर क्रू (फाटा) का विस्तार पाने के लिए विमानन कंपनियां उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों को खुश रखती हैं। मंत्रालय के बड़े अधिकारियों में डीजीसीए के पूर्व प्रमुख ईके भारत भूषण, विमानन मंत्रालय के अधिकारी केएन नारायण श्रीवास्तव, डीजीसीए के संयुक्त महानिदेशक ललित गुप्ता, एएआइ के पूर्व चेयरमैन वीपी अग्रवाल पर आरोप लगे हैं। इन सभी अधिकारियों ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से इंकार किया है। तहलका के संवाददाता सम्मेलन में मौजूद रहे इंटक के उपाध्यक्ष जगदीश शर्मा ने इस मामले में वाड्रा का नाम लेने पर संवाददाता सम्मेलन में ही आपत्ति जताई।

तहलका के मुताबिक, बंगाल कैडर के एक आइपीएस अधिकारी मनोज मालवीय ने महज एक लाख रुपये देकर परिवार के साथ 28 देशों की करीब छह करोड़ की कीमत का सफर कर डाला। मालवीय के खिलाफ भी सीबीआइ जांच कर रही है।

नियम का दुरुपयोग

अधिकारियों ने अपने मजे के लिए नियमों को ताक पर रख दिया था। कई मामलों में एक विशेष कंपनी को फायदा पहुंचाया गया। एरोनॉटिकल इंफॉर्मेशन सर्कुलर एआइसी 02/1978 के अनुसार, भारत में पंजीकृत विमानन कंपनियां कुछ विशेष मौकों पर अधिकारियों को मुफ्त में टिकट उपलब्ध कराती हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की तरफ से जांच शुरू होने के बाद वर्ष 2012 में इसके नियमों में संशोधन किया गया। इसके जरिये अधिकारियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई।

रॉबर्ट वाड्रा को आठ बार फायदा

रॉबर्ट वाड्रा के इकोनॉमी क्लास के दिल्ली से लंदन और फिर दिल्ली के टिकट को आठ बार बिजनेस क्लास में तब्दील किया गया। दिल्ली से लंदन तक की यात्रा का इकोनॉमी क्लास का किराया 78 हजार 90 रुपये है। वहीं बिजनेस क्लास में यात्रा करने के लिए 3 लाख 9 हजार 560 रुपये का भुगतान करना होता है। कई मौकों पर वाड्रा और उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा के टिकट को बिजनेस क्लास में अपग्रेड कर दिया गया।

वाड्रा की सफाई

वाड्रा ने अपने बचाव में कहा है कि यह लाभ उनको मिल सकता है, क्योंकि वे सरकारी पद पर नहीं हैं। सरकारी पद पर रहने वाले लोगों ने नियमों का उल्लघंन किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

जेट एयरवेज ने तहलका के आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया

नई दिल्ली। जेट एयरवेज ने वीआइपीज को मुफ्त टिकट देने संबंधी तहलका के आरोपों को गैर वाजिब व दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। एयरलाइंस का कहना है कि ऐसा इस उद्योग में पूरी दुनिया में होता है। यात्रा, पर्यटन और सेवा क्षेत्र में सेवा प्रदाताओं रहने पर पर्यटकों को अपग्रेड की सुविधा दी जाती है। ऐसा करने वाला इस क्षेत्र में वह अकेली एयरलाइंस नहीं है।


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