तो इसलिए हुआ सुकमा हमला और चली गई 25 CRPF जवानों की जिंदगी
इस हमले से नक्सलियों का इरादा साफ हो गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ जवानों पर हुआ जानलेवा हमला पिछले डेढ़ माह में दूसरा बड़ा हमला है। इस हमले से नक्सलियों का इरादा साफ हो गया है। वे क्षेत्र में विकास कार्य नहीं चाहते। वहां तेजी से हो रहे सड़क निर्माण से नक्सली सहमे हुए हैं। नक्सलियों को एहसास हो गया है कि जिले में विकास कार्य उनके रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा है।
सीआरपीएफ और खुफिया एजेंसियां अभी भी समझने की कोशिश कर रही हैं कि कहां क्या भूल हुई नक्सली जवानों पर भारी पड़ गए। सूत्रों ने पहले ही संकेत दिया था कि सुरक्षाबल जिस क्षेत्र में चल रहे हैं वहां मौत का जाल बिछा हुआ है, जिसे नक्सली गतिविधियों का मुख्यालय माना जाता है।
गृह मंत्रालय में कार्यरत वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार ने बताया कि पिछले सालों में सुकमा में कई जगहों पर सड़क निर्माण हुआ है। इन सड़क निर्माण के कार्यों को नक्सली अपने लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में देख रहे हैं। सुकमा में चल रहे सड़क निर्माण में सीआरपीएफ की बड़ी भूमिका है। यही कारण है कि नक्सली सीआरपीएफ जवानों को अपना निशाना बनाते आ रहे हैं।
नक्सली भांप गए हैं कि सड़क निर्माण के चलते वहां लोगों को बुनियादी सुविधाएं जैसे स्कूल, हॉस्पिटल, और अन्य सरकारी सुविधाएं मिलेंगी जिससे नक्सलियों का प्रभाव कम होगा।
बताते चलें कि गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, बंगाल और मध्य प्रदेश के नक्सली प्रभावित 44 जिलों में 5,412 किमी. सड़क निर्माण की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी है। सरकार की इस परियोजना की सफलता को देखते हुए नक्सली खुद का कद छोटा होते हुए देख रहे हैं और ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
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