अब वजूद बचाने को रालोद का सहानुभूति कार्ड
लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त और उपचुनाव में वोटबैंक के बदले मिजाज से हैरान रालोद नेतृत्व अब चौधरी चरण सिंह स्मारक के बहाने खोए जनाधार को लौटाने की जुगत करेगा। 23 सितंबर को दिल्ली कूच करने का ऐलान कर रालोद ने जता दिया कि आंदोलन में बढ़ाए कदम जल्द पीछे नहीं हटेंगे। आंदोलन के बहाने चौधरी चर
लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त और उपचुनाव में वोटबैंक के बदले मिजाज से हैरान रालोद नेतृत्व अब चौधरी चरण सिंह स्मारक के बहाने खोए जनाधार को लौटाने की जुगत करेगा। 23 सितंबर को दिल्ली कूच करने का ऐलान कर रालोद ने जता दिया कि आंदोलन में बढ़ाए कदम जल्द पीछे नहीं हटेंगे। आंदोलन के बहाने चौधरी चरण सिंह समर्थकों को एकजुट करने का इरादा भी है।
दिल्ली की जलापूर्ति रोकने को 16 सिंतबर को जिस तरह रालोद व भाकियू के बैनर तले किसान जमा हुए और पुलिस से टकराव हुआ, उससे रालोद नेतृत्व के हौसले बढ़े हैं। इसकी वजह केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के जाट नेताओं का खामोश रहना भी है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू के 12 तुगलक रोड को चरण सिंह स्मारक बनाने से इनकार करने के समर्थन में भाजपा का कोई बड़ा जाट नेता खुलकर बोलने को राजी नहीं है।
भाजपाइयों की इस दुविधा का लाभ लेने के लिए रालोद समर्थकों ने 23 सितंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। बड़ी संख्या में रालोद व भाकियू समर्थक किसान 12 तुगलक रोड पर डेरा डालेंगे और वहां चरणसिंह स्मृति भवन निर्माण को दबाव बनाएंगे। भाजपा को घेरने के लिए इससे बेहतर मौका जल्द न मिल सकेगा क्योंकि निकटवर्ती हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में जाट वोटरों को साधे रखने का सवाल है।
जनता दल यूनाइटेड का समर्थन
रालोद के आंदोलन को कांग्रेस के अलावा जनता दल यूनाइटेड का साथ मिल गया है। प्रमुख महासचिव केसी त्यागी ने पत्र लिखकर चौधरी चरणसिंह स्मारक बनाने की पैरोकारी है। उनका कहना है कि चरण सिंह किसानों के मसीहा थे, उनकी स्मृति जीवित रखने की जरूरत है।
मुकदमे वापस ले सरकार: चौहान
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह ने मुरादनगर आंदोलन के दौरान दर्ज किए मुकदमे जल्द वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा विधायक वीरपाल राठी, भगवती प्रसाद सूर्यवंशी, सुदेश शर्मा तथा पूर्व सांसद मुंशीराम पाल सहित कई कार्यकर्ताओं पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
सियासत चमकाने में लगी सपा
उपचुनाव में जाट मतदाताओं के एक बड़े खेमे का समर्थन मिलने से उत्साहित सपा नेतृत्व ने रालोद-भाजपा में जारी टकराव को हवा देनी शुरू कर दी है। सपा नेताओं ने चरणसिंह स्मारक का समर्थन कर केंद्र सरकार पर निशाने साधने शुरू किए हैं। मुरादनगर गंग नहर आंदोलन में सरकार का यूटर्न साबित करता है कि रालोद से सीधे टकराने के बजाए स्मारक की लड़ाई का रुख दिल्ली की ओर मोड़ दिया जाए।