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फंसेंगे टैक्स छूट का फायदा लेने वाले 'अमीर किसान', 50 नामों की सूची तैयार

हाल ही में एक करदाता ने उस जमीन की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर टैक्स छूट का दावा किया था, जिस पर वह खेती करता था।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 19 Sep 2017 09:01 AM (IST)Updated: Tue, 19 Sep 2017 11:30 AM (IST)
फंसेंगे टैक्स छूट का फायदा लेने वाले 'अमीर किसान', 50 नामों की सूची तैयार
फंसेंगे टैक्स छूट का फायदा लेने वाले 'अमीर किसान', 50 नामों की सूची तैयार

नई दिल्ली, एजेंसी। ऐसे लोग जो खेती-बाड़ी से होने वाली भारी-भरकम आय दिखाकर टैक्स छूट का फायदा उठाते हैं, वे सतर्क हो जाएं। ब्लूमबर्गक्विंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग ने करीब 50 ऐसे संदिग्ध लोगों की सूची बना ली है, जिन्होंने खेती से 50 लाख रुपये से ज्यादा की आय दिखाई है।

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दरअसल, पिछले साल दिसंबर में पूर्व वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने संसद में कहा था कि केंद्र सरकार यह पता करने की कोशिश कर रही है कि मार्च 2016 तक पिछले 9 वर्षों में जिन करदाताओं ने खेती से होने वाली आय 1 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई है, वो कितना सही है।

इसरो ने दिया नया हथियार
आयकर विभाग को 'सैटेलाइट इमेजरी एक्सेस' के तौर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से टैक्स चोरी करने वाले कथित किसानों तक पहुंचने का आसान तरीका मिल गया है। इसके जरिए पता लगाया जा सकता है कि करदाता ने जिस अवधि में किसी जमीन पर खेती का दावा किया है, वहां वाकई कोई फसल खड़ी थी या नहीं।

आयकर ने खोल कर रख दी 'अमीर किसान' की पोल
हाल ही में एक करदाता ने उस जमीन की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर टैक्स छूट का दावा किया था, जिस पर वह खेती करता था। इस मामले में नियम यह है कि छूट तभी मिल सकती है, जब जमीन बेचे जाने से पहले कम से कम दो साल तक उसका इस्तेमाल खेती के लिए किया हो। चूंकि यह मामला संदिग्ध लग रहा था, लिहाजा टैक्स अधिकारियों ने जमीन की तीन साल से ज्यादा समय की सैटेलाइट तस्वीरें हासिल कीं। आयकर विभाग ने पाया कि जमीन का इस्तेमाल खेती में नहीं किया गया था।

कृषि से आय करमुक्त इसलिए उठाते हैं फायदा
देश में कृषि क्षेत्र से होने वाली आय करमुक्त है। हालांकि कई मौकों पर पाया गया है कि कुछ लोग छूट का इस्तेमाल काले धन को सफेद बनाने में करते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, कुछ जमीन मालिक वेंडरों से मिली फर्जी भुगतान पर्चियों के आधार पर टैक्स छूट का दावा करते हैं।


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