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पोटेशियम ब्रोमेट पर लगेगा प्रतिबंध

ब्रेड में कैंसर के लिए पाये जाने वाले रासायनों पर सरकार प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 24 May 2016 09:39 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2016 11:10 PM (IST)
पोटेशियम ब्रोमेट पर लगेगा प्रतिबंध

नई दिल्ली, प्रेट्र। ब्रेड में कैंसर के लिए जिम्मेदार रसायनों के पाए जाने की रिपोर्ट के बाद सरकार खाने के चीजों में पोटेशियम ब्रोमेट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। देश के खाद्य रेगुलेटर एफएसएसएआइ ने संबंध में सिफारिश की है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि इस मामले में एफएसएसएआइ की रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

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भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) के सीईओ पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि पोटेशियम ब्रोमेट को स्वीकृत फूड एडिटिव की सूची से हटाने की सिफारिश स्वास्थ्य मंत्रालय से की गई है। अभी वह 11,000 स्वीकृत फूड एडिटिव की सूची में शामिल है। प्रतिबंध के बारे में उन्होंने कहा कि हमने सिफारिश भेज दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय इस बारे में अधिसूचना जारी करेगा। इसमें एक से दो सप्ताह की देरी लग सकती है। पोटेशियम आयोडेट के इस्तेमाल के बारे में अग्रवाल ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है और जल्द इस पर फैसला किया जाएगा।

सरकार ने कहा, इस मामले में उठाया जाएगा उचित कदम

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि मंत्रालय ने एफएसएसएआइ को इस मामले को गंभीरता से लेने और इस पर जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, जैसे ही रिपोर्ट आएगी, हम कार्रवाई करेंगे। सीएसई ने पोटेशियम ब्रोमेट पर प्रतिबंध लगाने की एफएसएसएआइ की पहल का स्वागत किया है। उसने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

रिपोर्ट भय फैलाने वाला

उद्योग संगठन एसोचैम ने सीएसई की रिपोर्ट को लोगों में भय पैदा करने वाला बताया। उसने कहा कि पोटेशियम ब्रोमेट का इस्तेमाल एफएसएसएआइ की पूरी जानकारी में किया जाता है। एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत ने कहा कि ऐसा माहौल बनाया गया जैसे सारे ब्रेड निर्माता जानबूझकर खतरा पैदा कर रहे हैं। एनजीओ को अपनी रिपोर्ट में केवल उद्योग जगत को निशाना नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा ही मैगी नूडल्स के मामले में हुआ था जो अब बाजार में लौट आया है। लेकिन इससे निर्माता को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है।

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उल्लेखनीय है कि सीएसई ने ब्रेड के 38 प्रकार, जिसमें सामान्य डबल रोटी, आटा ब्रेड, ब्रॉउन ब्रेड, मल्टीग्रेन ब्रेड, पाव, बन, पिज्जा ब्रेड और बर्गर ब्रेड की जांच की। जांच में 84 फीसद सैंपल में पोटेशियम ब्रोमेट और पोटेशियम आयोडेट पॉजिटिव मिले।


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