भारतीय करेंसी के लिए मेक इन इंडिया जरूरी: आरबीआई
पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल ने संसदीय समिति को कहा था कि बैंक नोटबंदी के दौरान कितना पैसा उसके पास वापस आया उसकी जानकारी देने में समर्थ नहीं है।
नई दिल्ली, एजेंसी। मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने करेंसी के सिक्योरिटी फीचर्स के लिए नया टेंडर जारी किया है। इसके तहत सप्लायर को भारत में ही 2 साल में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगानी होगी और फिर उत्पादन बढ़ाना होगा। इसके लिए रिजर्व बैंक ने पहले के जारी 2 टेंडर रद कर दिए। इनके जरिए नोट के लिए फायबर और सिक्योरिटी फीचर सप्लाई करना थे।
बिड डॉक्यूमेंट के मुताबिक, इसमें अलग-अलग तरह कि सिक्योरिटी धागे, कलर इंक, सिक्योरिटी फायबर और एडवांस वाटरमार्क सप्लाई करने का टेंडर था। रिजर्व बैंक ने कहा कि बोली लगाने वालों को पात्रता के लिए मेक इन इंडिया को मानना होगा। इसमें जो भी सफल होगा उसको भारत में कॉन्ट्रेक्ट पर हस्ताक्षर करने के 2 साल के भीतर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगानी होगी। बोली लगाने वाली कंपनी भारत में अपनी सहयोगी कंपनी के जरिए यूनिट लगा सकती है। इसमें तीसरे साल से स्थानीय सप्लाई को 35 फीसदी, चौथे साल से 40 फीसदी और पांचवे साल से 50 फीसदी बढ़ाना होगा।
डॉक्यूमेंट के मुताबिक, अगर बोली लगाने वाले का ऑपरेशन पाकिस्तान या चीन में है तो उसे भारत के ऑपरेशन से अलग रखना होगा। बोली लगाने वाले को ये शपथपत्र देना होगा कि इस प्रोजेक्ट में कोई पाकिस्तानी मूल का आदमी शामिल नहीं होगा। इसके अलावा जिस कर्मचारी ने भारत में काम किया है, कंपनी उसको पाकिस्तान या चीन में नियुक्त नहीं कर सकेगी।
आरबीआई ने टाला आंकड़ों का एलान
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 30 जून को खत्म हुए हफ्ते में बैंकों के एसेट और लाएबिलिटी से जु़ड़े आंकड़े जारी नहीं किए हैं। 30 जून एनआरआई के बंद नोट जमा करवाने की आखिरी तारीख भी थी। इसके अलावा 30 जून को रिजर्व बैंक के जुलाई-जून के वित्तीय वर्ष का आखिरी दिन भी था। संभवत ऐसा पहली बार हुआ है कि रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों की जानकारी वाला दस्तावेज सामने नहीं है। इसमें 30 जून तक के आंकड़े शामिल रहते। रिजर्व बैंक ने अपने सप्लीमेंट में जानकारी दी कि 30 जून 2017 को खत्म हुए हफ्ते के आंकड़े रिजर्व बैंक की अगस्त 2017 को जारी होने वाली वार्षिक रिपोर्ट में दिए जाएंगे। इसके बजाय रिजर्व बैंक ने 7 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते के आंकड़े जारी कर दिए।
पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल ने संसदीय समिति को कहा था कि बैंक नोटबंदी के दौरान कितना पैसा उसके पास वापस आया उसकी जानकारी देने में समर्थ नहीं है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के कर्मचारियों की नोट गिनने के लिए छुट्टियां रद कर दी गई हैं। इसके अलावा नोट गिनने के लिए और मशीने बुलवाई गई हैं। उन्होंने कहा था कि इसके लिए कर्मचारी रविवार को छो़ड़कर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। 8 नवंबर 2016 को सर्कुलेशन में 17.7 लाख करो़ड़ रुपए थे। इसमें 500 और 1 हजार के नोट भी थे। 9 नवंबर से 30 दिसंबर तक लोगों को 50 दिन का समय पुराने नोट बदलने के लिए दिया गया था। इसके बाद रिजर्व बैंक के ऑफिस में 30 जून तक कुछ लोगों को नोट जमा करवाने के लिए समय दिया गया था। इसके अलावा जो लोग 9 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच विदेश में थे उनको 31 मार्च तक का समय पुराने नोट जमा करवाने के लिए दिया गया था। रिजर्व बैंक अब तक जमा नोटों का सही आंकड़ा लेकर नहीं आया है।
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