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पढ़ाई के जज्बे ने पिघला दीं सलाखें

बरेली [वली मोहम्मद]। माना जाता है कि अगर जज्बा मजबूत हो तो पहाड़ लांघना बेहद आसान होता है। बरेली में भी कैदियों ने ऐसा ही जज्बा दिखाया और पढ़ाई करने के लिए जेल की सलाखों को भी आड़े नहीं आने दिया। वे भले ही वषरें से जेल की काल कोठरी में बंद हों, भले ही उनकी दुनिया सलाखों में सिमट कर रहे गई हो लेकिन खुली हवा में शिक्षा की स

By Edited By: Published: Thu, 19 Dec 2013 01:42 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2013 07:15 PM (IST)
पढ़ाई के जज्बे ने पिघला दीं सलाखें

बरेली [वली मोहम्मद]। माना जाता है कि अगर जज्बा मजबूत हो तो पहाड़ लांघना बेहद आसान होता है। बरेली में भी कैदियों ने ऐसा ही जज्बा दिखाया और पढ़ाई करने के लिए जेल की सलाखों को भी आड़े नहीं आने दिया। वे भले ही वषरें से जेल की काल कोठरी में बंद हों, भले ही उनकी दुनिया सलाखों में सिमट कर रह गई हो, लेकिन खुली हवा में शिक्षा की सांस लेकर वो आसमान की ऊंचाइयों छूने को बेताब हैं।

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शिक्षा की रोशनी उनके अपराधिक जीवन में उजाला भर रही है। पढ़ाई की ललक ने ही इस बार बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले कैदियों में संख्या में इजाफा कर दिया। इस वर्ष सेंट्रल जेल और जिला जेल से 55 इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की परीक्षा में शामिल होंगे। पिछले साल से बढ़ी संख्या से अंदाजा लगाना आसान है कि अपराध के दलदल ने उनको भले ही जकड़ लिया हो लेकिन पढ़ाई का जज्बा आज भी उनमें जिंदा है।

सलाखों के पीछे सजता है इनका स्कूल :

कैदी की पढ़ाई सलाखों के पीछे ही होती है। पढ़े लिखें कैदी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को पढ़ाते हैं। बारी-बारी से सभी विषयों के लिए समय निर्धारित किया जाता है। सेंट्रल जेल में सरकारी शिक्षक के नेतृत्व में पढ़ाई लिखाई का कार्य चलता है। कई मौकों पर विशेषज्ञ शिक्षक इन कैदियों को पढ़ाने जाते हैं। सेंट्रल जेल में ही जिला कारागार बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर का परीक्षा केंद्र बनाया जाता है।

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गंभीर अपराधों में हैं कैद :

पढ़ाई से अपने जीवन को अपराध के दलदल से निकाले की जद्दोजहद करने वाले यह कैदी अधिकतर गंभीर अपराधों में कैद हैं। सेंट्रल जेल के डिप्टी जेलर व इग्नू सेंटर के कोआर्डिनेटर भोला नाथ मिश्र ने बताया कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले अधिकतर कैदी हत्या, लूट, अपहरण, गैंगस्टर और दुष्कर्म जैसे अपराध की सजा काट रहे हैं।

इग्नू ने जगाई पढ़ाई की ललक :

सेंट्रल जेल में कैदियों को पढ़ाई से जोड़ने के लिए सेंटर चलता है। इसमें बीए, बीकॉम, एमए व बीपीटी डिप्लोमा कराया जाता है। इस साल कुल 156 कैदी विभिन्न कोर्स में है जिनकी परीक्षा दो से 31 दिसंबर तक चल रही है। समय सयम पर इनकी काउंसिलिंग बरेली कॉलेज के प्रोफेसर के माध्यम से कराई जाती है।

परीक्षा देने वालों की संख्या

हाईस्कूल :

सेंट्रल जेल -13

जिला जेल - 23

इंटरमीडिएट :

सेंट्रल जेल - 9

जिला जेल -10

इग्नू में इनरोल कैदी

बीपीटी : 1561

डिप्लोमा बीपीटी : 1251

बीए : 25

बीकॉम : 3

एमए : 313

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