हिजबुल का बड़ा आतंकी था सबजार, सैन्य ऑपरेशन में यूं हुआ ढेर
24 के अंदर घाटी में सेना के जवानों ने 10 आतंकी और घुसपैठियों का मार गिराया है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान में लगे भारतीय सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। 24 के अंदर घाटी में सेना के जवानों ने 10 आतंकी और घुसपैठियों का मार गिराया है। इनमें बुरहान वानी के बाद हिज्बुल मुजाहिदीन का उत्तराधिकारी बने सबजार अहमद भी शामिल है।
सबजार अहमद की मौत बड़ी कामयाबी
सबजार अहमद को बुरहान वानी के बाद हिज्बुल का कमांडर बनाया गया था और वह भी दक्षिण कश्मीर का रहनेवाला और वानी का बचपन का दोस्त बताया जाता था। स्थानीय सूचना के आधार पर 42 राष्ट्रीय रायफल्स और जम्मू कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार की शाम करीब साढ़े सात बजे दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के त्राल सेक्टर के सईमोह में तलाशी अभियान चलाते हुए एक इलाके को घेर लिया।
उसके बाद करीब रात 9.15 बजे सुरक्षाबलों के दस्ते पर अचानक गोलियां चली और उसके बाद हुई जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। सुरक्षाबलों और सीआरपीएफ की इस कार्रवाई में एक और आतंकी फैज़ान मुजफ्फर भट्ट भी मारा गया है। शनिवार की सुबह तक सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच गोलियां चल रही थी। शनिवार की दोपहर को भी तलाशी अभियान चलाया गया है।
24 घंटों में 10 आतंकी ढ़ेर- इंडियन आर्मी
इंडियन आर्मी के नॉर्दर्न कमांड ने बयान जारी करते हुए बताया- "जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों ने लगातार सीमा पर सतर्कता बरतते हुए पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया है। पिछले 24 घंटों के अंदर दस घुसपैठिए और हथियारों से लैस आतंकवादी मारे गए। रामपुर सेक्टर के पास सुरक्षाबलों की तरफ से चलाए जा रहे घुसपैठ विरोधी अभियान में छह आतंकियों को मार गिराया गया। बयान में आगे बताया गया कि सुरक्षा एजेंसियों को मिली गुप्त स्थानीय सूचना के आधार पर दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के त्राल सेक्टर में दो आंतकियों को मार गिराया गया है।"
मारे गए BAT के 2 हमलावर
इंडियन आर्मी के बयान में आगे बताया गया है कि 26 मई 2017 को भारतीय सेना के दस्ते पर हमला करने के मक़सद से पाकिस्तान से आए बॉर्डर एक्शन टीम की योजनाओं को विफल करते हुए सतर्क भारतीय जवानों ने कार्रवाई की जिसमें दो बैट के हमलावर मारे गए। दरअसल, सेना के जांबाजों ने शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर में एलओसी से सटे उड़ी सेक्टर में एक अग्रिम चौकी पर पाकिस्तानी सेना के बैट ईकाई (बार्डर एक्शन टीम) के हमले को नाकाम बनाते हुए उसके दो हमलावरों को मार गिराया। कुछ के घायल होने की भी सूचना है। अन्य हमलावर जान बचाते हुए वापस भाग निकले।
फिलहाल, पूरे इलाके में सेना का सघन तलाशी अभियान जारी है। बताया जा रहा है कि हमला करने आया बैट दस्ता एलओसी पार कर भारतीय सीमा के 500 मीटर अंदर तक आ पहुंचा था। उड़ी सेक्टर में इसी माह पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों ने दो बार घुसपैठ का प्रयास किया, लेकिन दोनों ही बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी। वहीं 21 मई को एक अन्य ऑपरेशन के दौरान नौगाम में भारतीय सेना के जवानों ने घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करते हुए चार आतंकी मार गिराए। इस पूरे अभियान के दौरान काफी तादाद में विस्फोटक बरामद किए गए।
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हिजबुल से अलग हो गया था जाकिर मूसा
पिछले साल जुलाई में बुरहान वानी की मौत के बाद जाकिर मूसा को उसकी जगह हिज्बुल की नया कमांडर बनाया गया। हालांकि, मूसा ने जब यह चेतावनी देते हुए कहा कि कश्मीर को राजनितिक मुद्दा बताने पर अलगाववादी नेताओं का सिर काट दिया जाएगा और इस पर हिजबुल का समर्थन नहीं मिला उसके बाद वह 13 मई को आतंकी संगठन से खुद को किनारा करने का ऐलान कर दिया।
जरूरी हो गया था ऑपरेशन- पूर्व डीजीपी
जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एम.एम. खजुरिया ने Jagran.com से ख़ास बातचीत में बताया कि घाटी की स्थिति पिछले की महीने से चिंताजनक बनी हुई है। वहां पर लगातार पत्थरबाज सुरक्षाबलों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि भारतीय सेना के जवानों की तरफ से इस तरह के अभियान चलाए जाए और आतंकियों को मारा जाए। खजुरिया ने आगे बताया कि भारतीय सेना की तरफ से अगर ऑपरेशन नहीं किए जाएंगे तो आनेवाले दिनों में और मुश्किलें बढ़ेंगी। उसकी वजह है पत्थरबाजों का लगातार मनोबल बढ़ाया जाना। ऐसे में जब तक सुरक्षाबलों की तरफ से इन पर कड़ी सख्ती नहीं होगी और यह सिलसिला जारी रहेगा।
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