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रिश्ते स्वर्ग में बनते हैं, मामूली कहासुनी में न तोड़ें

महिला सशक्तीकरण के अभियानों के बीच गुजरात हाई कोर्ट ने महिलाओं को सलाह दी है कि रिश्ते स्वर्ग में बनते हैं और मामूली कहासुनी को लेकर विवाह जैसी संस्था को नष्ट न करें। अदालत ने पुलिस को भी महिलाओं की झूठी शिकायत को अनावश्यक तूल नहीं देने की सलाह दी

By Murari sharanEdited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 05:46 PM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 08:41 AM (IST)
रिश्ते स्वर्ग में बनते हैं, मामूली कहासुनी में न तोड़ें

अहमदाबाद [शत्रुघ्न शर्मा]। महिला सशक्तीकरण के अभियानों के बीच गुजरात हाई कोर्ट ने महिलाओं को सलाह दी है कि रिश्ते स्वर्ग में बनते हैं और मामूली कहासुनी को लेकर विवाह जैसी संस्था को नष्ट न करें। अदालत ने पुलिस को भी महिलाओं की झूठी शिकायत को अनावश्यक तूल नहीं देने की सलाह दी है।

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गुजरात के मेहसाणा के एक परिवार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिसजेबी पारडीवाला ने कहा कि रिश्ते स्वर्ग में बनते हैं, मामूली कहासुनी में विवाह जैसी संस्था को नष्ट नहीं करना चाहिए। तलाक जैसे मामलों में बच्चों को सबसे अधिक मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं। बच्चों का भविष्य अधर में लटक जाता है।

महिलाओं की ओर से पति व उसके परिवार के खिलाफ झूठे फौजदारी मामले दर्ज कराने से वैमनस्य बढ़ता है, वास्तव में बहू या किसी महिला को प्रताडि़त किया जाए तब ही उसे पुलिस में मामला दर्ज कराना चाहिए। अदालत ने कहा कि पुलिस को भी झूठे मामलों में अधिक तकनीकी व संवेदनशील होने की जरूरत नहीं है। माता-पिता व मित्रों के कहने पर महिलाओं को शिकायत दर्ज करने में समझदारी से काम लेना चाहिए।

उच्च न्यायालय ने इस मामले में महिला की शिकायत को रद करते हुए उसे भी झूठी शिकायत के लिए फटकार लगाई है। महिला ने पति सास-ससुर, ननद, देवरानी व जेठानी को भी आरोपी बनाया था। न्यायाधीश पारडीवाला ने अदालतों को भी सलाह दी है कि ऐसे मामलों में दोनों पक्षों की सामाजिक, आर्थिक, मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए फैसले करें।


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