एसएसए की पोस्टर गर्ल बनी फाजिल्का की रेखा
फाजिल्का की रेखा, जोकि विशेष जरूरत वाले बच्चों को संभालने वाले आइईडी (इंक्लूसिव एजूकेशन फॉर डिस्एबल) प्रकल्प के जरिये पैर न होने के बावजूद लंबी रेस की खिलाड़ी बन गई है।
अमृत सचदेवा, फाजिल्का। कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं होता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। इन पंक्तियों को साकार कर रही है फाजिल्का की रेखा, जोकि विशेष जरूरत वाले बच्चों को संभालने वाले आइईडी (इंक्लूसिव एजूकेशन फॉर डिस्एबल) प्रकल्प के जरिये पैर न होने के बावजूद लंबी रेस की खिलाड़ी बन गई है।
ताजा मामले में देशभर में शिक्षा की अलख जगाने के लिए चलाए जा रहे सर्वशिक्षा अभियान द्वारा जारी कैलेंडर में रेखा की उपलब्धियों को शामिल किया गया है।
दोनों पैरों से अपंग होने के बावजूद उपलब्ध सीमित सुविधाओं की बदौलत रेखा नृत्य में इतनी महारत हासिल कर चुकी है कि ओडिसा में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के प्रतिभा खोज मुकाबले में दो साल से रेखा की टीम पंजाब का प्रतिनिधित्व कर रही है।
रेखा के एकल व टीम के प्रदर्शन के चलते पहले साल अव्वल व दूसरे साल द्वितीय रही है। इन्हीं उपलब्धियों के चलते सर्वशिक्षा अभियान ने गतिविधि कैलेंडर में रेखा की उपलब्धियां सचित्र प्रकाशित की हैं।