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मानसून सत्र फिर बुलाने पर आज हो सकता है विचार

केंद्र सरकार जीएसटी जैसे प्रमुख आर्थिक सुधारों को लागू के लिए संसद का मानसून सत्र फिर से बुलाने को लेकर मंगलवार को विचार कर सकती है। पिछले 13 अगस्त को मानसून सत्र का सत्रावसान नहीं हुआ था, बल्कि इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। संसदीय कार्य मंत्री एम

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2015 06:58 AM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2015 06:59 AM (IST)
मानसून सत्र फिर बुलाने पर आज हो सकता है विचार

नई दिल्ली। केंद्र सरकार जीएसटी जैसे प्रमुख आर्थिक सुधारों को लागू के लिए संसद का मानसून सत्र फिर से बुलाने को लेकर मंगलवार को विचार कर सकती है। पिछले 13 अगस्त को मानसून सत्र का सत्रावसान नहीं हुआ था, बल्कि इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।

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संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू कल जब संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे तो इस मुद्दे पर सरकार की योजना के बारे में कुछ प्रकाश डाल सकते हैं। इससे पहले पूरा मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। संसद के लगातार बाधित रहने से सरकार इस दौरान जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित कराने में विफल रही थी।

21 जुलाई को शुरू हुए सत्र में ललित मोदी विवाद और मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। इसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हो गई थी। सूत्रों ने कहा कि संक्षिप्त अवधि के लिए मानसून सत्र को फिर से बुलाना इस बात पर निर्भर करेगा कि जीएसटी विधेयक पर दूसरे दलों के साथ कुछ प्रगति होती है या नहीं। अगर सरकार कुछ क्षेत्रीय दलों को मनाने में सफल रहती है तो वह कुछ दिनों के लिए मानसून सत्र बुला सकती है।

संविधान की धारा 85 (2) के तहत राष्ट्रपति के पास संसद के दोनों सदनों का सत्रावसान करने का अधिकार होता है। अगर सत्रावसान नहीं होता है और इसे सिर्फ स्थगित कर दिया जाता है, तो वही सत्र बना रहता है। उसे किसी भी समय बुलाया जा सकता है।


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