ईवीएम में दर्ज असली नामों से परिचित नहीं हैं अधिकतर मतदाता
कोलकाता। जनता तक आसान और जल्द पहुंच बनाने के लिए बंगाल में राजनीतिक दलों ने मशहूर नामों पर दांव चला। लेकिन उनके नामों की खूबी ही अब उनकी असली पहचान के आड़े आ रही है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर दो बांग्ला फिल्मी सितारे मैदान में हैं। लेकिन परेशानी ये है कि उनका फिल्मी नाम तो लोगों
कोलकाता। जनता तक आसान और जल्द पहुंच बनाने के लिए बंगाल में राजनीतिक दलों ने मशहूर नामों पर दांव चला। लेकिन उनके नामों की खूबी ही अब उनकी असली पहचान के आड़े आ रही है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर दो बांग्ला फिल्मी सितारे मैदान में हैं। लेकिन परेशानी ये है कि उनका फिल्मी नाम तो लोगों की जुबान पर चढ़ा है पर ईवीएम पर लिखे वास्तविक नामों से लोगों का परिचय कम ही है।
विख्यात अदाकारा सुचित्रा सेन की बेटी व अभिनेत्री मुनमुन सेन का वास्तविक नाम श्रीमती देव वर्मा है। जबकि मशहूर बांग्ला फिल्म अभिनेता देव का वास्तविक नाम दीपक अधिकारी है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में पार्टी के चुनाव चिह्नों के साथ दोनों ही उम्मीदवारों के वास्तविक नाम ही दर्ज होंगे। देव घटाल लोकसभा क्षेत्र जबकि मुनमुन बांकड़ा संसदीय क्षेत्र से मैदान में हैं।
तृणमूल के स्थानीय नेताओं के मुताबिक उन्हें आशंका है कि ईवीएम में प्रत्याशियों के वास्तविक नाम होने से कुछ मतदाता वोट डालते समय संशय में पड़ सकते हैं। 60 वर्षीया मुनमुन सेन बांकुड़ा में प्रचार के दौरान लगातार कहती आ रही हैं कि फिल्म, टीवी धारावाहिकों और जात्राओं में मुझे मुनमुन सेन के नाम से जाना जाता है। लेकिन मेरी मां ने मेरा नाम श्रीमती और मुनमुन दोनों रखा था।
मेरे मतदाता पहचान पत्र पर श्रीमती देव वर्मा नाम है। मुनमुन सेन की अभिनेत्री बेटियां राइमा व रिया सेन भी अपनी मां के लिए प्रचार करते समय उनके वास्तविक नामों पर जोर दे रहीं हैं।
इसके अलावा गत वर्षो में पगलू, चैलेंज, और चंद्रपहर जैसी बांग्ला फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता देव की भी परेशानी कुछ ऐसी ही है। वह पश्चिम मेदिनीपुर जिले की घटाल लोकसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। वह मानते हैं कि उनके कई प्रशंसकों को भी नहीं पता कि उनका वास्तविक नाम दीपक अधिकारी है। ऐसे में ईवीएम में दर्ज नाम और फिल्मी नाम का चक्कर मतदाताओं को उलझा सकता है।