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डेवलपरों को उम्मीद रेरा से बढ़ेगी मकानों की मांग

डेवलपरों को उम्मीद है कि एक मई से रियल एस्टेट (विनियमन व विकास) अधिनियम यानी रेरा के लागू होने से मकानों की मांग में तेजी आएगी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 01 May 2017 03:33 AM (IST)Updated: Mon, 01 May 2017 03:33 AM (IST)
डेवलपरों को उम्मीद रेरा से बढ़ेगी मकानों की मांग
डेवलपरों को उम्मीद रेरा से बढ़ेगी मकानों की मांग

नई दिल्ली (पीटीआई)। डेवलपरों को उम्मीद है कि एक मई से रियल एस्टेट (विनियमन व विकास) अधिनियम यानी रेरा के लागू होने से मकानों की मांग में तेजी आएगी। यह कानून खरीदारों को जालसाज कंपनियों से बचाएगा। जबकि बड़ी संख्या में बने हुए मकानों के अब तक नहीं बिकने की वजह से दाम स्थिर बने रहेंगे।

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रियल एस्टेट डेवलपरों के दो शीर्ष संगठन क्रेडाई और नारेडको को लगता है कि इस कानून के लागू होने से भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र के कामकाज के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव आएगा। लेकिन शुरुआत में कुछ कठिनाइयां रहेंगी। ये दोनों संगठन चाहते थे कि सरकार वर्तमान परियोजनाओं को एक्ट के दायरे से बाहर रखे। लेकिन उनका सुझाव इस कानून में शामिल नहीं किया गया। पिछले साल यह कानून संसद से पारित हुआ था।

नारेडको के चेयरमैन राजीव तलवार ने कहा कि यह रियल एस्टेट क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव है। इससे उन खरीदारों का बचाव होगा जो पहले ही फ्लैट खरीद चुके हैं। रेरा के तहत नियामक को वर्तमान परियोजनाओं को पूरा करने में मदद पहुंचाने और मकान खरीदारों को राहत देने के तरीके खोजने चाहिए। क्रेडाई के चेयरमैन जैक्सय शाह ने कहा कि रेरा क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाएगा। साथ ही घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों के भरोसा में वृद्धि करेगा।


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