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रिजर्व बैंक के आंकड़ों से मिले संकेत, वापस आए 15 लाख करोड़ के पुराने नोट

नोटबंदी के बाद पुराने 1000 और 500 के नोटों को लेकर रिजर्व बैंक की विरोधाभासी बात सामने आई है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sun, 15 Jan 2017 07:35 AM (IST)Updated: Sun, 15 Jan 2017 10:43 AM (IST)
रिजर्व बैंक के आंकड़ों से मिले संकेत, वापस आए 15 लाख करोड़ के पुराने नोट
रिजर्व बैंक के आंकड़ों से मिले संकेत, वापस आए 15 लाख करोड़ के पुराने नोट

नई दिल्ली (आइएएनएस)। पांच सौ और हजार रुपये के वापस हुए पुराने नोटों पर रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की विरोधाभासी बात सामने आ गई है। हाल ही में आरबीआइ ने 30 दिसंबर तक 97 प्रतिशत पुराने नोट वापस आने संबंधी खबरों का खंडन किया था। अब शुक्रवार को जारी मुद्रा प्रसार संबंधी उसके ही साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक 30 दिसंबर तक 15 लाख करोड़ रुपये के पांच सौ व हजार के नोट वापस आ चुके हैं।

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बीते साल आठ नवंबर की नोटबंदी के बाद सिर्फ 54,000 करोड़ रुपये के पुराने नोट नहीं लौटे हैं। यह इस अनुमान पर आधारित है कि 19 दिसंबर के बाद कोई नए नोट जारी नहीं हुए, जो लगभग असंभव है। इस तारीख के बाद आरबीआइ ने नोट वापसी का कोई औपचारिक भी जारी नहीं किया है। नोटबंदी के वक्त 15.44 लाख करोड़ के पांच सौ व हजार के नोट चलन में थे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खुद कहा था कि ये नोट कुल करेंसी का 86 फीसद थे।

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इन साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, छह जनवरी तक कुल 8.98 लाख करोड़ रुपये की करेंसी प्रचलन में यानी बाजार में थी। इसमें 500 और 2000 रुपये के नए नोटों के अलावा 100, 50, 20 और 10 रुपये के नोट भी शामिल हैं। इनमें 500 और 1000 के वह पुराने नोट भी हैं, जो अभी बैंकिंग सिस्टम में वापस नहीं लौटे हैं।

आरबीआइ ने किया था खंडन

पहले आई खबरों में 97 प्रतिशत पुराने नोटों के बैंकिंग सिस्टम में लौटने की बात कही गई थी। रिजर्व बैंक ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि वापस आए नोटों की फिर से गिनती करनी होगी, क्योंकि आंकड़े में गणना की खामी हो सकती है।

मंत्री ने दी थी जानकारी

वित्त राज्यमंत्री अजरुन राम मेघवाल ने दो दिसंबर को राज्यसभा में कहा था कि आठ नवंबर को 500 के 1,716.5 करोड़ और 1000 के 686.8 करोड़ नोट बाजार में थे। इनकी कुल कीमत 15.44 लाख करोड़ रुपये थी।’

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यह है गणना का आधार

दिसंबर के रिजर्व बैंक के नए नोटों संबंधी आंकड़ों के मुताबिक 100 रुपये तक की छोटी करेंसी में 20.4 अरब नए नोट जारी किए गए। जबकि 500 और 2000 के 2.2 अरब नोट जारी किए गए। इस तरह कुल 5.93 लाख करोड़ रुपये की नई करेंसी जारी की गई।

अगर 19 दिसंबर के बाद कोई नए नोट जारी नहीं किए गए, जो संभव नहीं है, तब पहले से मौजूद 2.51 लाख करोड़ रुपये के छोटे नोटों और 5.93 लाख करोड़ रुपये के 500 और 2000 रुपये के नए नोटों को जोड़कर यह आंकड़ा 8.44 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है।

इस तरह अगर छह जनवरी को बाजार में मौजूद कुल करेंसी 8.98 लाख करोड़ रुपये में से जारी किए गए नोटों की राशि 8.44 लाख करोड़ रुपये घटाने पर 54,000 करोड़ बचते हैं। यानी ये पुराने नोट सिस्टम में वापस नहीं लौटे हैं। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 14.90 लाख करोड़ की प्रतिबंधित कुल पुरानी करेंसी में से 96.5 प्रतिशत नोट वापस लौट आए।

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