फिर तल्ख सवालों से होगा आरबीआइ गवर्नर का सामना
यह दूसरा मौका है जब संसदीय समिति के सामने आरबीआइ गवर्नर नोटबंदी से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए बुलाये जाएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । नोटबंदी पूरी तरह खत्म होने के दस दिन बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) अभी तक यह नहीं बता पाया है कि देश में कितने पुराने नोट (500 व 1000 रुपये के) सिस्टम से वापस आये हैं। इस बारे में आरबीआइ के गवर्नर उर्जित पटेल को सांसदों के तल्ख सवालों का सामना फिर से करना पड़ सकता है। वित्त मंत्रालय की संसदीय समिति 20 अप्रैल को पटेल को पेशी के लिए तलब कर सकती है।
यह दूसरा मौका है जब संसदीय समिति के सामने आरबीआइ गवर्नर नोटबंदी से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए बुलाये जाएंगे। माना जा रहा है कि इसके बाद समिति नोटबंदी पर अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगी जिसे मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है। आरबीआइ गवर्नर के साथ वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को भी तलब किया जाएगा।
समिति नोटबंदी के बाद नकद लेन देन को बढ़ावा देने की सरकार की नीति से पूरे बैंकिंग ढांचे पर पड़ने वाले असर को लेकर भी आरबीआइ गर्वनर व वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा होगी। समिति यह जानने की कोशिश करेगी कि जब बड़ी संख्या में देश में कार्ड का इस्तेमाल होने लगेगा वैसी स्थिति में एटीएम व देश भर में फैले बैंक शाखाओं को किस तरह से व्यवस्थित किया जाएगा और इस बारे में सरकार की क्या नीति होगी।
संसदीय समिति ने जब पिछली बार पटेल से पूछताछ की थी तब भी उन्होंने कई सवालों का जवाब नहीं दिया था। उन्होंने यह जरुर बताया था कि तब तक 9.2 लाख करोड़ रुपये के नए नोट सिस्टम में डाले गये हैं। लेकिन कितने नोट वापस आये हैं यह नहीं बताया था। 8 नवंबर, 2016 को जब पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रचलन से 500 व 1000 के नोटों को हटाने की घोषणा की थी कि तब कहा गया था कि बाजार में इन दोनों के मिला कर 15.76 लाख करोड़ रुपये के नोट हैं। आरबीआइ ने आधिकारिक तौर पर 10 दिसंबर, 2016 तक का डाटा दिया है कि 12.4 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ गये हैं। इसके पहले केंद्रीय बैंक हर हफ्ते बाजार में नोट की स्थिति बताता रहा है लेकिन उसके बाद से बंद कर दिया गया है।