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दुष्‍कर्म पीडि़त 10 साल की बच्ची व पुलिस जांच अधिकारी एक साथ बनेंगी मां

चंडीगढ़ की रेप पीडि़ता 10 साल की बच्‍ची और उसके मामले की जांच करने वाली महिला पुलिस अधिकारी दाेनों एक साथ मां बनेंगी। पुलिस अधिकारी का बच्‍ची से बडा़ भावुक रिश्‍ता बन गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 29 Jul 2017 11:02 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jul 2017 02:58 PM (IST)
दुष्‍कर्म पीडि़त 10 साल की बच्ची व पुलिस जांच अधिकारी एक साथ बनेंगी मां
दुष्‍कर्म पीडि़त 10 साल की बच्ची व पुलिस जांच अधिकारी एक साथ बनेंगी मां

चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। दस साल की दुष्‍कर्म पीडि़ता बच्‍ची और उसके मामले की जांच कर रही महिला पुलिसकर्मी एक साथ ये दोनों मां बनेंगी।  दोनों रहती भी ज्यादातर समय साथ हैं। यह पुलिस अधिकारी अपनी चिंता व कष्ट भूल इस बच्ची पर ममता लुटा रही है। उसे मानसिक तौर पर तैयार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दस साल की दुष्कर्म पीड़िता बच्ची को अब गर्भ में पल रहे बच्चे को जन्म देना ही होगा।

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पूरे मामले में इस बच्ची को जिंदगी के सबसे कड़े इम्तिहान से गुजरना पड़ रहा है। यह सोच कर ही हर कोई सिहर उठता है कि वह इतनी मानसिक व शारीरिक पीड़ा कैसे सहेगी? सुकून केवल यही है कि एक संबल उसे मिल गया है। वह है चंडीगढ़ पुलिस की एएसआइ और इस मामले की जांच अधिकारी प्रतिभा।

2009 में चंडीगढ़ पुलिस में भर्ती हुई प्रतिभा इन दिनों सेक्टर-39 के थाने में तैनात है। वह मूलत: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले की रहनेवाली हैं। प्रतिभा हर रोज बच्ची के घर पर तो जाती ही हैं, साथ ही उसके साथ देर शाम तक फोन पर भी संपर्क में रहती हैं। कुछ ही दिनों में दोनों के बीच एक खास रिश्ता बन गया है। वह अपनी तकलीफों को छोड़ उस बच्ची की जिंदगी और उसके होने वाले बच्चे के लिए घंटों तक अपना आराम छोड़ उसके साथ रहती है।

दिन में ड्यूटी के साथ ही वह किसी भी समय लड़कीे के घर पर जाकर उसका हालचाल पूछने चली जाती हैं। यह सिलसिला पिछले काफी दिनों से चल रहा है। बच्ची तो बच्ची है। उसे ममतामयी स्पर्श मिला तो जांच अधिकारी से रिश्ता लगातार मजबूत होता जा रहा है। वह मां की तरह इस महिला अधिकारी के साथ वक्त बिताना पसंद करती है और बहुत सारी बातें शेयर करती है। प्रतिभा को भी डॉक्टरों ने हालांकि इन दिनों अपना ख्याल रखने को कहा है लेकिन वह इस बच्ची का अपने से भी ज्यादा ख्याल रख रही हैं।

इस बच्ची से जुड़े मामले में कोर्ट की हर पेशी में जाती हैं। पता चला कि कई बार प्रतिभा की सेहत बिगड़ी भी, लेकिन उन्होंने लड़की के साथ जुड़े रहने का फैसला किया। पुलिस अधिकारी भी प्रतिभा के इस जज्बे की दाद दे रहे हैं। एक बड़े अधिकारी को जब खुद आइओ के गर्भवती होने के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने उनसे केस से हटने की ऑफर भी दी, लेकिन महिला अधिकारी ने इससे मना कर दिया। कोर्ट में काफी समय खड़े रहते हुए महिला अधिकारी के पैरों में सूजन तक आ गई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

खुद देख रही पूरा डाइट चार्ट

डॉक्टरों द्वारा वैसे तो रेप दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के लिए पूरा डाइट चार्ट बनाया गया है लेकिन प्रतिभा रोज खुद जाकर देखती हैं कि बच्ची के खाने में कोई कमी तो नहीं रह गई है। कई बार यह अधिकारी शाम के समय बच्ची के घर पर भी पहुंच जाती हैं।

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'' मैं कोई बड़ा काम नहीं कर रही। यह तो हर इंसान की ड्यूटी है कि वह जरूरत में किसी का सहयोग करे। बच्ची के साथ वक्त बिताना मुङो भी बहुत अच्छा लगता है। बच्ची बहुत ही मासूम है। हादसे के बारे में कोई बात नहीं होती। बच्ची भी जब चाहे फोन पर बात कर लेती है। मुझे भी बच्ची का साथ काफी अच्छा लगता है। कई बार उसकी मासूमियत भरी बातों पर दिल भर आता है। बच्ची का स्वास्थ्य वैसे तो ठीक है, लेकिन उसे आने वाले दिनों में काफी देखभाल और इमोशनल सपोर्ट की जरूरत है।

                                                                                                             - प्रतिभा, एएसआइ, चंडीगढ़।

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माता-पिता गहरे सदमे में

दुष्कर्म के बाद प्रेगनेंट हुई दस वर्षीय बच्ची के माता पिता गहरे सदमे में हैं। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी काउंसलिंग कर रही है। माता-पिता इतने परेशान हैं कि उन्होंने किसी से बात करने से भी इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बच्ची के गर्भपात की इजाजत नहीं दी है और मेडिकल बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में गर्भपात को बच्ची के लिए खतरा बताया है। ऐसे में बच्ची के माता पिता की भी चिंता बढ़ गई है। यही कारण है कि डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनके संपर्क में है।

डाइट के लिए दस हजार रुपये जारी किए

पीजीआइ की डॉक्टरों की टीम ने बच्ची के लिए एक डाइट चार्ट भी बनाया है, ताकि प्रेगनेंसी के दौरान उसकी डाइट का पूरा ध्यान रखा जा सके और उसका स्वास्थ्य ठीक रहे। माता-पिता को भी जागरूक किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से डाइट के लिए 10 हजार रुपये भी जारी किए गए हैं।

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बच्ची को कहीं भी लाने-ले जाने की व्यवस्था स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने की है। डिपार्टमेंट ने पीड़िता को कहीं भी ले जाने व छोड़ने की व्यवस्था की है। इसके लिए कुछ वाहन लगाए गए हैं, ताकि बच्ची को हॉस्पिटल या अन्य किसी जगह पर ले जाने में परेशानी न हो।


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