आपसी सहमति से रिश्ता बनाती हैं फिर लगा देती हैं दुष्कर्म का आरोप: कोर्ट
महिलाएं पुरुष के साथ आपसी सहमति से रिश्ता बनाती हैं लेकिन जब रिश्ता खत्म हो जाता है तब बदला लेने की नीयत से कानून को हथियार की तरह इस्तेमाल करती हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दुष्कर्म के मामलों को लेकर दिल्ली की एक कोर्ट ने कहा है कि कई बार दुष्कर्म के मामलों में वो महिलाएं भी आरोप लगाती हैं जो पहले तो पुरुष के साथ आपसी सहमति से रिश्ता बनाती हैं लेकिन जब रिश्ता खत्म हो जाता है तब वो बदला लेने की नीयत से कानून को हथियार की तरह इस्तेमाल करती हैं।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 12 दिसंबर 2013 को नौकरी दिलाने के नाम पर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपी शख्स पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। एडिशनल सेशन जज संजीव जैन ने कहा, 'मेरा ऐसा मानना है कि आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच शारीरिक संबंध आपसी सहमति से बना था। यह शिकायत पूरी तरह से गुस्से का नतीजा है जिसमें दोनों पार्टियों के बीच कमीशन की पेमेंट को लेकर लड़ाई हुई। अभियोग पक्ष अपना केस साबित करने में नाकाम रहा।'
बेटी के पेट में दर्द हुआ तो खुल गई पिता की गंदी करतूतों की पोल, पहुंचा जेल
जैन ने इस बात की ओर भी ध्यान दिया कि शिकायतकर्ता का बयान एक समान नहीं था। कोर्ट ने पाया कि चीफ के सामने परीक्षा के दौरान शिकायतकर्ता महिला प्रतिपक्षी बन गई। कोर्ट ने कहा, 'उसने यह बयान नहीं दिया कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ था। उसने यहां तक कह दिया कि उसे मेडिकल परीक्षण के लिए नहीं ले जाया गया था और उसे याद भी नहीं है कि उसने क्या बयान दिया था।'
अभियोग पक्ष का कहना था कि अगर ये आपसी सहमति से बना रिश्ता होता तो महिला कभी भी शिकायत करने पुलिस में नहीं जाती। लेकिन कोर्ट अभियोग पक्ष की इस दलील से सहमत नहीं हुआ और आरोपी को बरी कर दिया गया।